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दो दो राउंड में मेरी चूत का बाजा बज गया, थक कर चूर हो गई थी सो एक पटियाला पैग मैंने भी खींच लिया।अब ससुर का नम्बर था, पर उसका कोई अता-पता ही नहीं था। मैंने संधू से पूछा तो बोला उसको एक बजे बुलाया था आता ही होगा।अभी 12. बीएफ सेक्सी एचडी वीडियो बीएफ !तो उसने धीरे से अपने मुँह को ‘नहीं’ में हिलाया। फिर भी मैंने उसको बात बताना शुरु कर दिया। थोड़ी देर तक तो वो ‘ना. |
सचमुच में स्वास्तिक निकल गया था। फिर हम बारी-बारी से स्नान करने चले गए और स्नान करके वापिस आए तो रात का एक बज गया था।सासूजी मुझसे नशीली आवाज में बोलीं- अब क्या करना है.
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उसके चूचे इतने गर्म और सख्त हो चुके थे कि उसकी गर्माहट पाकर बर्फ तीव्रता के साथ घुल गई और माया का तनबदन तड़पने लगा‘अह्ह्ह ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह. मैंने उसके सिर को अपनी जाँघों पर रखा और बात करते हुए उसके गालों को सहलाने लगा और धीरे-धीरे होंठों को रगड़ने लगा।दवा असर दिखा रही थी. और अब वह उछल-उछल कर मेरा लण्ड अपनी चुदासी चूत में लेने लगी।अभी 5 मिनट ही बीते थे कि उसने मेरी पीठ पर अपने नाखून गड़ा दिए.
कभी-कभी पाँव की उँगलियाँ चूतड़ों की दोनों फाँकों के बीच में धंस जाता।इससे मेरा लंड पैंट के अन्दर बुरी तरह अकड़ जाता।वो अपने शरीर को ऐंठते हुए बोलती थीं- बस अब रहने दो…मुझे तो बाद में पता चला कि वो ऐंठते हुए झड़ जाती थीं। इस तरह लगभग रोज मैं चोदने के लिए तड़पता रहता और पट्टे वाली खटिया के छेद में अपना लंड डाल कर शांत होता।एक बार उनके घर में सांप निकला. पर अनिल ने मुझे बताया था कि कोई आने वाला है।यह कहकर उसने मुझे अन्दर आने को कहा और मुझे कमरा दिखाया और कहा- नहा-धोकर खाना खाने आ जाओ।मैंने कहा- ठीक है. और उसने जल्दबाजी के कारण अपने कमरे का दरवाजा अन्दर से बन्द नहीं किया।मैं उसे ठंडा पानी देने जैसे ही उसके कमरे में गया.
’ करते हुए आँख मूँदने लगा और विन्नी के ऊपर ही ढेर हो गया।यह सब देखकर मुझे अच्छा लगा।अचानक मुझे अपने नीचे गीला अनुभव हुआ।मैं समझ गई कि मुझ में कुछ परिवर्तन हुआ है।मैं धीरे से हटी और अपने घर चली आई।यह तो थी मेरी सहेली विन्नी की चुदाई की कहानी।आप सभी की प्रतिक्रया मिलने के बाद मैं अपनी चूत के फटने की कहानी भी लिखूँगी।तब तक आप सभी अपने लौड़ों को हिलाते रहिए।आपकी चिकनी रीमा को लिखने के लिए लिखें।. कभी नहीं आया था।फिर हम अलग हुए तो बुआ ने ऊँगली से पास आने का इशारा किया। जब में पास आया तो उसने जोश से पकड़ कर मुझे अपने होंठों से लगा लिया और ‘लिप-किस’ करने लगी।मेरा माल जो उसके मुँह में था. फिर मैं चाची से ज़ोर से गले लग गया और उन्हें कस कर अपने में समेट ही लिया। यह मेरा पहली बार था जब मैं किसी औरत के गले लगा था। मैंने अपने हाथ आंटी के पीछे कन्धों से लेकर चाची के चूतड़ों तक फेरने लगा।यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !आंटी अब मुझे शायद समझ रही थीं.
मैं मुड़ा और फ़्रिज से एक फाइव-स्टार चॉकलेट ले आया।वो देख कर कुछ परेशान सी हो गई और बोली- मैं चॉकलेट नहीं. वो मस्ती में झूमने लगी।वो मेरे प्यार करने की कला पर मन ही मन बहुत खुश हो रही थी।मैंने उसके पूरे कपड़े निकाल कर नंगा कर दिया। पहले तो वो शर्मा रही थी.
मैं पहली बार इस पटल पर मेरी हकीकत लिखने जा रहा हूँ।उम्मीद है कि आप लोगों को अच्छा लगे।पहले मैं अपना परिचय करवाता हूँ। मेरा नाम हिरेन है.
फ़िर तुमने ऐसा क्यों किया??मेरी इस बात पर उसको गुस्सा आ गया और वो मुझसे कहने लगी कि सब लड़के ऐसे ही होते हैं। पहले तो पीछे-पीछे घूमते हैं और जब कुछ करने का टाइम आता है.
उसके मुँह से सिसकारियाँ निकलने लगीं।मैं जल्दी बाहर नहीं जाना चाहता था।मैंने अपना मुँह उसकी चूत की तरफ किया और मस्त गुलाबी पंखुड़ी की तरह फूली हुई को चूत चाटने प्रयास करने ही वाला था कि उसने मुझे टोक दिया कहा- बाबू हम वेश्या हैं. अब उसके दिमाग़ में प्रिया घूम रही थी।तो दोस्तो, आज सोमवार आ गया जिसका आपको बड़ी बेसब्री से इन्तजार था यानि कहानी अपने चरम पर आ गई. तो उसे चुप करने के लिए फिर से होंठ चूसने लगा और मम्मों दबाने लगा और साथ-साथ अपने लंड को घस्से मारता रहा।तो उसे मजा आने लगा.
इसे तो मैं रखूँगा…फिर दूसरे अंकल ने भी सूँघा।अब दादा जी सीधे मेरे तलवे चाटने लगे और तलवों को चाटते हुए वे ऊपर की तरफ आ रहे थे।उस समय जो माहौल था. पागल सी हो रही थी।इतने में दोनों अंकल ने मेरी चूत के अगल-बगल मेरी जाँघ को चाटने लगे।मुझे बहुत गुदगुदी होने लगी. पर तुम ऐसे क्यों पूछ रही हो?वो बोली- फिर क्या तुम ऐसे ही नहाए और ऐसे ही बाहर भी आ गए?मैंने उसे थोड़ा और खोलने के लिए शरारत भरे लहज़े में बोला- थोड़ा खुलकर बोलो न.
वो बता देती हूँ इसके लिए कहानी को वापस थोड़ा पीछे ले जाना होगा तो चलो मेरे साथ।दीपाली- क्या हुआ ऐसे भाग कर क्यों आ रही है? क्या बात करनी है?प्रिया- यार बहुत ज़रूरी बात है इसी लिए भाग कर आई हूँ।दीपाली- अच्छा चल बता क्या बात है?प्रिया- यार जब तू स्कूल आई थी तब मैडी से बात करने के बाद जब अन्दर गई.
मैंने अपने चूतड़ उठा कर अपनी चूत उसके मुँह के पास ला दी।ये मेरे सुराख में ऊँगली डालते हुए मुझे चाटने लगे।मैंने कहा- संजय प्लीज. पर उन्होंने मुझसे ज़रा सी भी बात नहीं की और बाथरूम में चली गईं।अब मुझे पता था कि वो मुझसे चुदाना तो चाहती हैं पर थोड़ा नाटक कर रही हैं।मैंने भी उन्हें अपने हाल पर छोड़ दिया और अपने कमरे में जाकर पढ़ने लगा। पढ़ाई भी ज़रूरी है भाई…थोड़ी देर में किसी ने मेरे दरवाजे पर दस्तक दी।मैं- कौन?चाची- अरे मैं हूँ. मैंने फिर ‘ओके’ कह दिया और बस फिर जो हुआ वो क़यामत था।मेरी सहमति के बाद उन दूसरे अंकल ने सीधे टी-शर्ट पकड़ी और मेरे जिस्म से खींच कर उतारने लगे.
वो मना करने लगी- मुझे अच्छा नहीं लगता।लेकिन मेरे जोर देने पर वो मान गई और फिर धीरे-धीरे मेरा लवड़ा चूसने लगी।फिर हम 69 की अवस्था में आ गए। वो मेरा लन्ड चूस रही थी और मैं उसकी चूत चाट रहा था।उसकी आँखों में से पानी निकल रहा था. बड़ा मजा आया।कुछ देर लण्ड चूसने के बाद भाभी जी ने मेरी गोटियों को चूसना शुरू कर दिया। मेरी तो मानो लाटरी निकल आई थी. सर ने मेरे चेहरे के नीचे एक तकिया लगा दिया और अपने घुटने मेरे बदन के दोनों ओर टेक कर बैठ गए।‘अब अपने चूतड़ पकड़ और खोल.
भाभी के रसीले होंठों को छूकर एकदम से मेरा सर घूम गया।अब मुझसे रहा नहीं गया और मैं भाभी के चेहरे को अपने हाथों में लेकर उनके होंठ चूसने लगा।मैं कभी ऊपर वाला होंठ मुँह में लेता.
लेकिन जैसे जैसे मंजरी और मैं मिलते गये, पता नहीं क्यों लेकिन हम दोनों ही एक दूसरे की और आकर्षित होते चले गए।आज हालात ये हो गए हैं कि मंजरी भी मेरे मित्र अजिताभ से नाता तोड़ कर मेरे पास आना चाह रही है।मैं भी उस लड़की मंजरी को दिल से प्यार करने लगा हूँ।लेकिन साथ ही मैं अपने भाई जैसे दोस्त को भी किसी भी हालत में पर खोना नहीं चाहता।मुझे समझ नहीं आ रहा कि क्या करूँ?. पर रोहन ने उसे दबोच लिया और उसकी अच्छी तरह से चुदाई करने लगा। अब मेरी बीवी भी जिस्म ढीला करके चुदने लगी।फिर अचानक उसने रोहन को धक्का दे कर अलग कर दिया और भागने लगी.
बीएफ सेक्सी एचडी वीडियो बीएफ तो मैंने देखा कि पीछे चौकीदार का बाथरूम था और उसकी छत नहीं थी और उस समय उसकी बीवी नहा रही थी, वो बिल्कुल नंगी हो कर नहा रही थी। उसका जिस्म हल्का काला था और उसके बड़े चूचे और उन पर भूरे निप्पल देखकर मेरा लंड ‘सन्न’ से तन गया। वो गरम औरत जितनी देर वहाँ नहाती रही. तब मैंने फिर से धीरे-धीरे से उसकी चूत में अपना लंड पेलना शुरू किया।कुछ ही देर बाद उसे भी मज़ा आने लगा और मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी। वो भी अपनी मस्त गाण्ड को खुद ही आगे-पीछे करके मेरे लंड का पूरा मज़ा लेने लगी।अब मैं भी अपना पूरा ज़ोर लगाकर उसकी चूत को चोद रहा था। कुछ देर की चुदाई के बाद उसने अपना पानी छोड़ दिया.
बीएफ सेक्सी एचडी वीडियो बीएफ उन्होंने मुझे दुलारते हुए मेरे बालों में अपने अतिरिक्त ठोकू को जो पा लिया था।मित्रों मैंने सिर्फ घटना को कहानी के रूप में अपनी टूटी-फूटी भाषा में लिख कर दिया था. वो मुझे अच्छे से चोद नहीं पाते हैं।उस समय तक मेरी शादी नहीं हुई थी, मैं साधना आंटी की चूत की साधना करता रहा।शादी के बाद उन्होंने चोदने को बोला.
मैंने भी सुट्टा मारे और चूत पर हाथ फेर कर फिर से अंकल को उकसाया।अंकल ने अपने लौड़े को सहलाया और कुछ ही समय बाद अंकल का फिर से खड़ा हो गया। अब उन्होंने मुझे फिर से ठोकना चालू कर दिया.
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उसने मेरा हाथ पकड़ कर दबाया और आँखों से इशारा किया। मैं रूक गया और उसने ऑटो चालक को रूखसत कर दिया।मैंने उससे कहा- वो पता?तो उसने कहा- बताती हूँ. तुम अपनी बहन निधि को बुला लो…मैं यह सुन कर बहुत परेशान हो गया और सोफे पर बैठ कर सोचने लगा।आंटी मेरे लिए चाय लाईं।फिर मैंने सोचा कि जब तक अंकल नहीं आते. चलो विकास और अनुजा के पास चलते हैं, देखते हैं वहाँ क्या खिकड़ी पक रही है।बस दोस्तों आज के लिए इतना काफ़ी है। अब आप जल्दी से मेल करके बताओ कि मज़ा आ रहा है या नहीं!क्या आप जानना नहीं चाहते कि आगे क्या हुआ?तो पढ़ते रहिए और आनन्द लेते रहिए.
उस खिलाड़ी को बाहर निकालो।मैंने उसकी बात पर सहमति जताते हुए अपने सारे कपड़े उतार दिए और हम दोनों आदमजात नंगे हो गए।उसने मेरे तने हुए लण्ड को देखा तो वह एकदम पलंग से उठी और मेरे लौड़े को हाथों में ले लिया और उसकी मोटाई व लम्बाई नापने लगी।फिर अपने सीने पर हाथ रख कर बोली- हाय माँ. प्लीज़ ईमेल करके ज़रूर बताइएगा।मेरी अगली कहानी में बबिता आंटी की गाण्ड की चुदाई पढ़ना न भूलिएगा।आप सबकी ईमेल का इन्तजार रहेगा।. थोड़ी देर बाद वो बोली- हीर तू जाग रहा है?मैंने कुछ जवाब नहीं दिया।फ़िर उसने कमरे की बत्ती जला करके उसने अपनी अलमारी से एक मोमबती निकाल ली। मैं ये सब सोते-सोते देख रहा था।वो फ़िर से चिल्लाई- हिरेन.
आहह… उफफ्फ़… रब इट ये… आया… उफफ्फ़…’ उसने मेरा सर पकड़ा और अपने बूब्स में लगा दिया।‘सक इट… आहह… सक माइ बूब्स… उफफ्फ़…’मैं ज़ोर ज़ोर से उसकी चूत मसलने लगा और टॉप के ऊपर से उसके बूब्स चूसने लगा।‘अहह… उफफ्फ़.
और मुझे बहुत मज़ा आने लगा।मैं ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारने लगा।भाभी मस्त होकर मुझे बुरी तरह से चाट रही थीं. मैं धीरे से गले से चूमते हुए उसके मम्मों पर आ गया और ब्लाउज के ऊपर से ही उसके कड़क चूचुकों को चूसने लगा। साथ ही दूसरे स्तन को हाथ से दबाने लगा।अब वो पूरे जोश में थी और बोल रही थी- आह्ह्ह राज…चूसो इन्हें. मुझे प्यास लगी है।मैं- क्या खोलूँ?दीदी- दरवाजा और क्या?मैं- मैं समझा कि कुछ और कह रही हो।वो मुस्कुराते हुए मुझे तिरछी नजरों से देखते हुए घर के अन्दर प्रवेश कर गईं।काफी गरमी होने की वजह से वो मुझसे एक गिलास पानी लाने की कह कर.
अब राधिका ने कहा- पहले अपने सारे कपड़े खोल दो और पलंग पर लेट जाओ।मैंने अपने सारे कपड़े खोल दिए और पलंग पर लेट गया। राधिका मेरे पास आकर बैठ गई और मेरे लौड़े को हाथ में लेकर हिलाने लगी. मगर वो बाहर आ गया।दीपाली उसका हाथ पकड़ कर कमरे में ले आई और बिस्तर के पास जाकर उसके कंधे पर हाथ रख कर बैठने को कहा।भिखारी- बेटी कपड़े दे दो ना. क्योंकि वो बार-बार साइड से देखने का प्रयास कर रही थी कि मेरी नज़र किधर है।साला इधर मेरा लौड़ा इतना मचल गया था कि बस दिल तो यही कर रहा था कि अपने लौड़े को छुरी समान बना कर इसके दिल समान नितम्ब में गाड़ कर ठूंस दूँ।पर मैं कोई जल्दबाज़ी नहीं करना चाहता था.
क्या बात है?तो उन्होंने कहा- मेरे सभी घर वाले सभी एक रात के लिए बाहर जा रहे हैं और तुम आज रात को ही आ जाना…यह कह कर उन्होंने फ़ोन रख दिया. मैंने भाभी को पकड़ा और चुम्बन करना शुरू कर दिया और दस मिनट तक चुम्बन करता रहा।भाभी भी पागल सी होने लगी थी.
मेरी उम्र 22 साल है। मेरी फिगर 34-28-35 है। मेरा अपने घर के पास ही एक अंकल से अफेयर है, उसकी बीवी की मुझसे बहुत बनती है, अक्सर हमारा एक-दूसरे के घर आना-जाना लगा रहता है।यह बात तब की है. ’अपनी साली की मस्ती को देख कर मेरा हौसला और बढ़ गया।हल्के विरोध के बावजूद मैंने रिंकी की टी-शर्ट उतार दी और उसकी एक चूची को मुँह में लेकर चूसने लगा।दूसरी चूची को मैं हाथों में लेकर धीरे-धीरे दबा रहा था।रिंकी को अब पूरा मज़ा आने लगा था।वह धीरे-धीरे बुदबुदाने लगी- ओह… आ… मज़ा आ रहा है जीजू. कहानी का पहला भाग :मामा के घर भाई से चूत चुदाई-1कहानी का दूसरा भाग :मामा के घर भाई से चूत चुदाई-2उसके बाद मैंने ऋतु को बुलाया.
सबसे माफ़ी मांगने के बाद मुझे तानिया के पैर छूकर उससे भी माफी मांगने को कहा गया और मैंने वैसा ही किया।मुझे खुद पर शरम आ रही थी.
जैसे आप सही कह रहे हों और फिर 6 बजे के आस-पास मैं ही आपकी माँ को काल करूँगी और उनसे बोलूँगी कि आंटी अगर भैया घर पर ही हों तो आप उनसे बोल दीजिएगा कि हम आज नहीं आ पा रहे हैं। हमारी ट्रेन कैंसिल हो गई है. लेकिन जब मैंने उसकी आँखों को देखा तो जैसे मुझसे निवेदन कर रही हो और मैं इंकार न कर सका।फिर मैंने अपने होंठ उसके भीगे हुए होंठों पर रख दिए और हम एक-दूसरे के होंठों को चूसने लगे।अय. तुम संजय के बारे में क्या बात कर रही थीं?फ्लॉरा ने संजय की करतूत के बारे में उनको बताया तो दोनों हैरान हो गईं.
जिससे शादी में आने वाले मेहमानों को होने वाली परेशानी से से बचने के लिए नए घर पर ही ठहराया जा सके।जब मेरे नए घर का काम चल रहा था. अब हमारे प्रेम में बाधक बन रही है। तो मैंने नेहा से कुर्ती उतारने को कहा।उसने कहा- तुम खुद ही उतार दो।फ़िर मैंने उसकी कुर्ती और लोअर उतार दी।उसकी जाँघों के बीच तो अब मात्र एक छोटी सी पेंटी और छाती पर ब्रा ही रह गई थी।उसने मेरे भी कपड़े उतारने को कहा.
तो नीता ने मना कर दिया और बोली- मैं तुम्हें नंगा देखना चाहती हूँ।मैंने एक-एक करके कपड़े उतारे और आज मैं पहली बार किसी लड़की के सामने आदमजात हालत में खड़ा था।अब नीता ने मुझे बुलाया और मैं तुरंत रज़ाई में घुस कर नीता के नंगे बदन को चूमने लगा। नीता सिर्फ़ देखने में ही खूबसूरत नहीं थी. मुझे बड़ी ख़ुशी है कि आप लोगों को मेरी कहानी पसंद आई।अब मैं उसे आगे बढ़ाते हुए आपको आगे की बात बताता हूँ।रमशा को चोदने के बाद मैं बहुत खुश था। मैं अपने आपको बहुत खुशनसीब मानता हूँ कि मुझे रमशा जैसी खूबसूरत लड़की को चोदने का मौका मिला था।चुदाई के बाद मुझे मालूम हुआ कि मेरे नौकर ने हमारी चुदाई को देख लिया था।मेरे उस नौकर का नाम राहुल था. तुम मज़ा लो रविवार को सुबह जल्दी यहाँ आ जाना तब पूरा दिन खूब मज़ा करेंगे।दीपाली- ओके दीदी यह सही रहेगा.
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बस वो अन्दर घुस गया।उधर दीपाली बाथरूम से बाहर आ गई और विकास को देख कर मुस्कुराने लगी।विकास- क्या हुआ मेरी जान.
मेरा लन्ड फ़िर से खड़ा हो गया। मैंने भाभी के मुँह में फ़िर से लौड़ा डाला और उनके मुँह को चोदने लगा…लगभग 10 मिनट के बाद मैंने उनको उलटा किया. मैं यह जानता हूँ… तुम भी अपने पति से काफ़ी समय से दूर रह रही हो।’‘लेकिन जीजू… क्या कोई जीजा अपनी साली को ऐसे प्यार करता है?’रिंकी ने आश्चर्य से पूछा।‘साली तो आधी घरवाली होती है और जब तुमने घर संभाल लिया है तो मुझे भी अपना बना लो… मैं औरों की बात नहीं जानता. तो सब चौपट हो जाएगा।दीपाली ने उसे पापा के पुराने कपड़े पहना दिए और कुछ खाना भी पैकेट में डाल कर दे दिए। वो खुश होकर वहाँ से चला गया तब कहीं दीपाली की जान में जान आई और वो बाथरूम में घुस गई।उसकी चूत में थोड़ा दर्द था तो वो गर्म पानी से नहाने लगी और चूत को सेंकने भी लगी।उसने नहाने के बाद भिखारी के पुराने कपड़े फेंके अब उसको बड़ी ज़ोर की भूख लगी और लगनी ही थी.
वो ले लो…ये सुनते ही मैं पागल सा हो गया और अब मेरा सपना साकार होने वाला था।मेरी कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करूँ तो मैंने धीरे से उनका हाथ पकड़ा और दबाने लगा।हाथ पकड़ते ही मेरा लण्ड फुंफकार मारने लगा।आप सबकी ईमेल का इन्तजार रहेगा।कहानी जारी है।. बस ऐसा लग रहा था कि कब रात हो और मैं उसे चोदूँ…फिर दोस्तों मैं रात होने का इन्तजार करने लगा और सोच-सोच कर मुठ मारने लगा।उस दिन मैंने दिन में करीब 4 बार मुठ मारी थी।फिर आखिरकार वो रात आ ही गई. सी बीएफ ब्लूमैं भी यहीं तुम्हारे साथ सो जाऊँ…मैं उनका मतलब समझे बिना बोली- तो सो जाइए न दादा जी…तो वो बोले- नहीं निकी.
पहले हम तो पहुँचे वहाँ…दीपक ने इधर-उधर देखा और दोनों सुधीर के घर की ओर चल पड़े।वो दोनों सुधीर के घर में दाखिल होने ही वाले थे कि मैडी और सोनू बाइक पर वहाँ से गुजर रहे थे. ’ की सिसकारियां लेती रही। फिर उसने एकदम से मेरे बाल पकड़ कर मेरा सर चूत के ऊपर दबा दिया और बोली- और ज़ोर से चूस… ज़ोर से चूस… अहहह.
चलो इस कमरे में जाने का कारण है कि मैं घर के हर एक कोने में आपसे चुदना चाहती हूँ ताकि घर का कोना-कोना हमारे मिलन को याद रखे. वो पाप कैसे हो सकता है?’वो बोली- पर जीजू, अगर किसी को पता चल गया तो गजब हो जाएगा…मैंने कहा- यह सब तुम मुझ पर छोड़ दो… मैं तुम्हें कोई तकलीफ़ नहीं होने दूँगा।मैंने उसे भरोसा दिलाया।रिंकी कुछ देर गुमसुम सी बैठी रही तो मैंने पूछा- बोलो साली. पर मेरा मन कहीं और था और मुझे नींद ही नहीं आ रही थी।मैं सोच रहा था कि कैसे अंजलि को चोदने का मौका मिलेगा.
सीधे लण्ड और केलेनुमा घुमावदार लण्डों की विभिन्नता अपने अन्दर चखी हुई है।लेखक की अपील को ठुकरा नहीं सकती थी. पता नहीं क्यों मेरा झुकाव तुम्हारी तरफ बढ़ता ही चला गया और न जाने कब मुझे प्यार हो गया। तुम मुझे बहुत अच्छे लगते हो और सच पूछो तो मैं पता नहीं. लेकिन शौकत तब भी धक्के मारते रहे।मैं भी इतनी देर में शौकत के लंड के धक्कों से और सैम के लंबे और मोटे लंड को चूसने के अहसास से पूरी तरह से स्खलित हो गई।ज़ोर से झड़ने के कारण मेरे मुँह से ज़ोर ज़ोर से सिसकारियाँ निकल रही थीं.
फिर देख।फिर मैंने उतर कर अपनी जींस वगैरह सही से बंद की और घर की ओर चल दिए।करीब दस मिनट में हम अपार्टमेंट पहुँच गए.
जीन्स और अंडरवियर को एक झटके में नीचे खींच कर मेरे बदन से अलग कर दिया। अब वो मेरे लंड को हाथों में लेकर ज़ोर-ज़ोर से हिलाने लगी।इससे मुझे अत्यधिक आनन्द आने लगा और मेरा लंड सलामी देने लगा।फिर उस महिला ने कंडोम का कवर फाड़ कर मेरे लंड पर लगाने ही थी कि मैंने उसे रोक दिया और सरकारी कंडोम पहनने से इंकार कर दिया।मैंने उसे अपनी जीन्स जो कि उतर चुकी थी से एक कामसूत्र का पैकेट निकाल कर दिया. जिसको शब्दों में परिभाषित नहीं किया जा सकता है।देखते ही देखते माया की चूत रस से मेरी ऊँगलियां ऐसे भीगने लगीं जैसे किसी ने अन्दर पानी की टोंटी चालू कर दी हो।पूरे कमरे उसकी सीत्कारें गूंज रही थी- आआआअह्ह्ह उउम्म्म्म स्स्स्स ज्ज्ज्जाअण आआअह आआइ जान बहुत मज़ा आ रहा है.
’ शशि बोली।वो विमल की तरफ मुड़ी- मुझे क्या हुक्म है भैया? मुझे भी घोड़ी बनाओगे क्या? अगर घोड़ी बनाओगे. मेरी जान ही निकाल दी तुमने…अब सोनम को अहसास हुआ कि वो मेरी बाँहों में नंगी बैठी है। जब तक वो कुछ करती. Pahle Pyar ki Nashili Chudai-3पहले प्यार की नशीली चुदाई-1पहले प्यार की नशीली चुदाई-2हाय दोस्तो, मैं सेमोन कोलकाता से.
मैं दर्द से तड़प उठा। लगभग 5 मिनट तक मेरे होंठों को चूमने के बाद उसने मुझे अलग किया।मैं शरम और घिन में डूबा नीचे देख कर खड़ा था।तानिया ने कहा- अब आ. लेकिन अंकिता की वजह से उससे दूर रहती थी। लेकिन उस दिन उन दोनों को सामने चुदाई करता देख मेरे सब्र का बांध टूट गया।इसके बाद रूचि कुछ देर के लिए चुप हो गई तो मैंने पूछा- फिर क्या हुआ?रूचि- आशीष ने मुझे कंधे से पकड़ कर अपनी ओर खींचा मेरे कोमल उरोज उसके मजबूत सीने से टकराए और मेरे होंठ उसके होंठों में भिंच गए. तो मैंने सोचा अब निकलना चाहिए ताकि बहाना बना सकूँ कि मैं फ्रेश हो रहा था और मैं कैसे दरवाज़ा खोलता।खैर.
बीएफ सेक्सी एचडी वीडियो बीएफ ।सासूजी को ये सब अच्छा लग रहा था लेकिन मेरे द्वारा सब करवाना चाहती थीं।जब उनकी तरफ से हरी झंडी मिली तो मैं उनके और करीब आकर उनसे चिपक गया।आज कहानी को इधर ही विराम दे रहा हूँ। आपकी मदभरी टिप्पणियों के लिए उत्सुक हूँ। मेरी ईमेल पर आपके विचारों का स्वागत है।. चूसो उफ़ मज़ा आ गया आहह…प्रिया ने दीपाली के मुँह से लौड़ा निकाल कर अपने मुँह में डाल लिया। दीपाली ने उसकी गोटियाँ पूरी मुँह में ले लीं और ज़बरदस्त चुसाई शुरू कर दी।यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !दीपक- आहह.
सोनम कपूर का सेक्स
जिस पर साबुन का झाग लगा हुआ था।ना जाने बुआ अपनी गाण्ड को क्यों आगे-पीछे हिला रही थी। तभी अचानक कोई चीज़ नीचे गिरी. फिर जब तू कहेगी तेरी हर तमन्ना खुशी से पूरी कर दूँगा।तो वो उसे मुँह में भरकर कुछ देर चूसने के बाद बोली- ले अब मार ले बाजी. अपनी ही प्रोपर्टी मान चुका था और अब दोनों हाथों से उसके शरीर को जकड़े हुए था।इधर दूसरी ओर मेरे लौड़े महाराज भी अपना फन उठा चुके थे और उस अनजान नवयुवती की गुदा के सुराख पर अपना आसन जमाए हुए थे.
आज ही इसकी बुर चाटने की इच्छा पूरी हो जाएगी क्या?ये सोचते हुए मन ही मन मचल उठा।तो कैसी लग रही है मेरी कहानी. मुझे अब तक कभी भी इतना नशा और मज़ा नहीं मिला था।यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !अब मैं अपने हथेली से दूसरे अंकल की पीठ पर अपने नाखूनों को बिल्कुल जानवरों की तरह चलाने लगी। जॉन्सन अंकल के निरंतर लगते झटकों से मैं तो पगला गई थी. बीएफ सेक्सी 18 साल कीतो वो बहुत मोटा और लंबा था और गरम भी हो रहा था।भैया भी अभी तक सोए नहीं थे।जैसे ही मैंने उनके लंड को छुआ तो उन्होंने मुझे अपनी बाँहों में भर लिया और मुझे चुम्बन करने लगे।मुझे भी अच्छा लग रहा था क्योंकि ये सब मेरे साथ पहली बार हो रहा था।मैं भी उनको चुम्बन करने लगी।भैया ने पूछा- तेरा कोई ब्वॉय-फ्रेण्ड है क्या?तो मैंने मना कर दिया।वैसे भी मेरा कोई ब्वॉय-फ्रेण्ड था भी नहीं.
लेकिन फिर देखा कि बगल में नंगी हसीना सो रही है और पिछली रात की सारी फिल्म मेरी आँखों के सामने चल पड़ी।दीपिका अपनी पीठ के बल सो रही थी.
हमारे लिए स्वर्ग का दरवाजा खुला हुआ था और मुझे सोनम को भी स्वर्ग के आनन्द में पहुँचाना था।उस दिन हमारा पहला मिलन हुआ. पर अब भाभी जबाव देने लगी थीं।एक और ख़ास बात जो मैंने नोट की वो ये कि भाभी हर दूसरे दिन काम बतातीं और मैं उन्हें ताड़ने.
मैंने अपना हाथ उसके मुँह पर रख दिया क्योंकि अब भी किसी के आने का खतरा था और सोनम की सिसकारियाँ हर लगते धक्के के साथ और तेज हो रही थीं।उस वक़्त भी सोनम के मुँह से ‘गूँ. पर मैं वहाँ से हरियाणा चली गई और वहीं सैट हो गई हूँ।बस यही मेरी सच्ची कहानी है।तो मित्रो, यह कहानी तबस्सुम की थी।अपने विचार मुझको ईमेल कीजिएगा. मैंने उसको अपने हाथों में उठाया और बिस्तर पर लेटा दिया और उसके ऊपर लेट गया।अब मैंने उसके दोनों हाथों को पकड़ लिया और उसको चूमने लगा।थोड़ी देर तक तो वो ‘ना.
मैं रुक जाऊँगा।अब मैं लंड लगाने को हुआ और राधिका की चूत पर अपने लौड़े को लगाया तो गीलेपन के कारण लौड़ा फिसल गया।इस पर राधिका ने गुस्से में कहा- भोसड़ी के.
बल्कि मेरी हर डांट पर वो और ज्यादा मतवाला होता ज़ा रहा था।वो बोले ज़ा रहा था- मेम आप मुझे पागल कर देती हो. अब मैं बिल्कुल उसके नीचे नंगी पड़ी हुई थी।हम दोनों को वासना का नशा चढ़ने लगा।तब उसने मेरी चूत को चूसना शुरू किया. जिससे माया को अपनी चूत में तो राहत सी मिल गई किन्तु उसकी गाण्ड में अब खुजली बढ़ चुकी थी।उसकी गाण्ड की गर्मी का साफ़ पता चल रहा था क्योंकि बर्फ का टुकड़ा लगभग एक मिनट में ही पिघल कर आधा रह गया था।तो मैंने भी वक़्त की नज़ाकत को समझते हुए सोचा.
बीएफ बीएफ वीडियो बीएफ वीडियो बीएफउसके बाद उसने पैन्टी भी उतारी और एक के बाद एक ब्रा और पैन्टी मेरे होंठों और नाक पर हल्का सा रख कर नाक और होंठों पर फेरा।आआहाआ. जिसका मैंने फायदा उठाते हुए दूसरे झटके में उसकी कुँवारी चूत में अपना आठ इंच लम्बा व तीन इंच मोटा लण्ड पूरा अन्दर कर दिया।इस बार वह फिर मचली.
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और दूसरी उसके ऊपर घोड़ी बन कर उसे चुम्बन कर रही थी।मैंने लंड को फिर से घोड़ी वाली की चूत में डाल दिया।थोड़ी देर चोदने के बाद नीचे वाली के छेद में डाल दिया. अब आगे जल्द ही बताऊँगा आपको कि क्या भाभी को पता था कि रात को उनको किसने चोदा और रंग खेलते हुए कैसे मैंने भाभी की मोटी गांड भी चोदी और उनसे कैसे रात की पूरी बात निकलवाई।आपको कहानी पसंद आई हो… तो मुझे मेल कीजिएगा।. अब मैं उसका लंड अपने मुँह में भरकर और हाथ से घुमा रही थी। फिर थोड़ी देर में उसने अपना लंड मेरे मुँह से निकाल लिया।अब मैंने उसका लंड पकड़ा और अपने चूचों पर मारने लगी।गौरव- आहह.
वे मुझसे बोले- इस बार मेरी जगह तुम काम कर लो।मैं काम करने गया। सुपरवाईजर मैडम दोपहर में चेक करने राउंड पर आईं तो उन्होंने मुझसे पूछा- पहले कहीं ट्रेनिंग ली थी. पर जो सिलसिला शुरू हुआ वो मुझे परिपक्व बनाता चला गया।अब उसे मुझे सिखाना नहीं पड़ता।क्यूंकि एक मैनेजमेंट ट्रेनी अब पूरा मैनेजर बन चुका था।. मैं वहाँ से अपने कमरे में चला गया। लेकिन मैं अपनी चाची को अपनी फैंटेसी से फिर चोद रहा था और मुझे लगा कि वो बाहर जा रही है.
गोरे-गोरे और उठे हुए मम्मों के ऊपर उसके गुलाबी निप्पल्स भी अच्छे लग रहे थे।फिर उसने अपनी शॉर्ट्स को उतार दिया और मुड़ी।उसने शॉर्ट्स के अन्दर काले रंग की छोटी सी पैंटी पहनी हुई थी, जिसके ऊपर से उसकी गांड मस्त और उठी हुई लग रही थी।फिर जब उसने पैंटी उतारी. उनका लंड तना हुआ था और सुपारा अपना घूँघट निकाल कर बाहर की हवा खा रहा था।उनका लंड पूरी तरह से तना हुआ था, मेरी नज़र सैम के खड़े लंड पर ही टिकी हुई थी और मैं उस पर से अपनी नज़रें हटा ही नहीं पा रही थी।सैम तो शरम से अपने लंड को मेरी नज़र से छिपाने की कोशिश कर रहे थे. भाभी भी मुझसे बहुत खुश थी और फिर कुछ महीनों बाद अब्दुल भी आ गया और उसका ट्रान्सफर दिल्ली में ही हो गया।अब मेरी और भाभी की बात भी नहीं होती। अब्दुल और भाभी दोनों दिल्ली में खुशी से रहते हैं।आप सब को मेरी और आयशा भाभी की चुदाई की कहानी कैसी लगी, मुझे मेल करें।[emailprotected].
सोनम के करीब जाकर उसे छोटा सा चुम्बन किया और उसके बगल में कंधे से हाथ डाल कर उसकी चूचियों पर रखते हुए बोला।‘सोना बेबी. इसलिए मुझे कोई चुदाई के लिए चूत नहीं मिली।फिर मैंने सोचा क्यों ना बाहर कोचिंग जाकर किसी लड़की के साथ चुदाई करूँ।इसी बात को ध्यान में रख कर मैंने प्लानिंग की और पापा से बात की कि मुझे कंप्यूटर क्लास ज्वाइन करना है.
मैंने कमरे की लाइट और टीवी बंद करके बाहर आया और धीरे से अपने कमरे दरवाजा खोला, मैं बाहर सड़क पर निकल आया और घर का दरवाजा बाहर से ही बंद कर दिया जिससे बाद में वापस आने में परेशानी न हो।अब मैं आंटी के दरवाजे के सामने खड़ा हो गया.
ज़ोर से पूरी ताक़त लगा कर उन्होंने अपना लण्ड मेरी चूत में घुसा दिया।यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !इस बार सीधे झिल्ली पर चोट हुई और ज़ोर से चूत फटने की आवाज़ आई। मुझे ऐसा लगा कि मैं मर गई हूँ… इतना दर्द हुआ… कि मैं ज़ोर से चिल्लाई- ओह. जानवर इंसान बीएफमेरा नाम वीर है। मेरी उम्र 23 साल है। मैं हरिद्वार शहर का रहने वाला हूँ। मेरे दादा जी और दादी जी गाँव में रहते थे. मुंबई की सेक्सी वीडियो बीएफकब से तरस रही हूँ।फ़िर मैं चूत में ही झड़ गया और भाभी के ऊपर लेटा रहा।मैं उन्हें प्यार से चुम्बन करने लगा।फ़िर मैं खड़ा हुआ. मेरे राजा।मैंने भी फिर एक ज़ोरदार धक्का मारा और मेरा आधा लण्ड चूत में अन्दर चला गया।फिर शुरू हुआ हमारा ‘चुदाई-युद्ध’.
मुझसे रहा नहीं गया और मैंने उसकी पैन्टी उतार दी और उसकी चूत चाटने लगा। वो मेरा सिर पकड़ कर चूत पर दबाने लगी.
जिगरी दोस्त था पर हमने आज तक कभी एक-दूसरे को ऐसा नहीं देखा था। पहले से नर्वस होने के कारण मेरी नुन्नू बहुत छोटी हो गई थी।दोस्त- अबे साले यह क्या है? और आज तू घर पर कैसे? और वो भी नंगा. मैंने भी जबाव में ‘हैलो’ बोला।वो पूछने लगी- क्या कर रहे हो?मैंने बोला- गेहूँ भरवा रहा हूँ।वो बोली- अच्छा है. मैं भी पीछे से आकर उसे चोदने लगा।थोड़ी देर इस अवस्था में रहने के बाद उसने मुझे लिटा दिया और मुझे लिटा कर मेरे लंड की सवारी करने लगी।मुझे ऐसा लग रहा था.
पर इस बार उसकी गाण्ड अपने आप ही खुल बंद हो रही थी और बर्फ का ठंडा स्पर्श पाते ही माया का रोम-रोम रोमांचित हो उठा। उसकी सीत्कार ‘आआह्ह्ह स्स्स्श्ह्ह्ह ष्ह्ह उउउम’ उसके अन्दर हो रहे आनन्द मंथन को साफ़ ब्यान कर रही थी।उसकी गाण्ड की गर्मी पाकर बर्फ जब घुलने सी लगी तो उसकी ठंडी बूँदें उसकी चूत तक जा रही थीं. री छोरी… थारे घर क्यां नै तो बेरा होगा अक तू आज रात म्हारै घरां रुकेगी? (आरी लड़की तेरे घर वालों को तो पता है ना कि आज टू यहीं रुकेगी?)***दस साल बाद वही रुलदू 30 दिन से बिना बताये घर से गायब रहा. Mamere Bhai Ke Lund Se Fir Chudiमामा के घर भाई से चूत चुदाई-1मामा के घर भाई से चूत चुदाई-2मामा के घर भाई से चूत चुदाई-3हैलो दोस्तो.
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मैंने प्रीति को लिटाया और दरवाज़े की ओर देखा एल-4 का वो हॉल बहुत बड़ा था। मेरे लण्ड में अब भी तनाव बाकी था। जब तक लण्ड ना झड़े तो बेकरारी उन्हें समझ आती है. मैंने भी जबाव में ‘हैलो’ बोला।वो पूछने लगी- क्या कर रहे हो?मैंने बोला- गेहूँ भरवा रहा हूँ।वो बोली- अच्छा है. तुम सिर्फ़ वो करती जाओ और देखो मैं तुम्हें पूरे जन्नत की सैर करवाता हूँ।फिर हरेक दिन मैं अपना दिमाग़ चलाता गया और सोनम जन्नत की सैर करते हुए स्वर्ग में पहुँच गई।तीसरे दिन मैंने सोनम को कहा- आज हम दोनों साथ मिलकर नहाएँगे।पहले सोनम ने मुझे नहाया.
मैंने थोड़ा सा मक्खन अपने लंड पर लगाया और थोड़ा उसकी चूत पर मला। अब मैं फिर से लौड़ा डालने की कोशिश करने लगा।इस बार मैं कामयाब रहा.
और जोश में आ चुकी थी, उसके मुँह से बहुत सेक्सी आवाज़ निकल रही थी, उसकी साँसें मेरी सांसों से टकरा रही थीं.
तो मैंने उनका लंड अपने मुँह में ले लिया।थोड़ी देर चुसवाने के बाद उन्होंने अपना सारा माल मेरे मुँह में निकाल दिया।फिर हम थोड़ी देर चुम्बन करते रहे।चूमा-चाटी के बाद भैया का लंड फिर से खड़ा हो गया और वो मेरी चूत पर लवड़ा रख कर मुझसे बोले- मुझे होंठों से चुम्बन कर और नीचे अपनी जाँघों को ढीला कर. मैंने रिंकी की बाँह पकड़ कर उसे अपने ऊपर खींच लिया।उसकी दोनों चूचियाँ मेरी छाती से चिपक गईं।मैं उसके चेहरे को अपनी हथेलियों में लेकर उसके होंठों को चूमने लगा।रिंकी को मेरा यह प्यार शायद समझ में नहीं आया. इंग्लिश बीएफ चूत की चुदाईआदत नहीं है न…”’दादा जी ने बोला।मैं बोली- मेरे बाबा भी कभी पैंट पहन कर नहीं सोते…उन दोनों ने कहा- हम भी ऐसे ही हैं।दादा जी अपनी शर्ट-पैन्ट दोनों उतार दिए और मेरे बगल से लेट गए.
उसके बाद उसने पैन्टी भी उतारी और एक के बाद एक ब्रा और पैन्टी मेरे होंठों और नाक पर हल्का सा रख कर नाक और होंठों पर फेरा।आआहाआ. मैंने उसे लिटा दिया और अपना लंड उसकी चूत में डालना शुरू किया।उसकी चूत अभी भी बहुत कसी हुई थी और मेरा सुपारा मोटा होने की वजह से वो एकदम से उछल पड़ी, उसने मुझे जोर से दबा लिया. ले खा मेरा लवड़ा…यह कह कर हसन ने ज़ोर से झटका मारा और अपना पूरा 8 इंच का लौड़ा मेरी चूत के अन्दर घुसा दिया।मैं तो मर ही गई.
शादी के बाद तुम अपनी मैडम को बहुत खुश रखोगे।यह सुन कर मैंने खुश होकर उसे सौ रूपए दिए और होंठों पर एक ज़ोरदार चुम्मा और जड़ दिया।फिर हम दोनों बाहर आ गए।तो दोस्तो, यह थी मेरी पहली चुदाई कि पहली सच्ची दास्तान है. chhodd diya maalllYou: aaahh ahahStranger: dhire dabane ko kehte haiYou: mmmmmmYou: aaaaStranger: ahhh ahahStranger: maine biYou: maine boobs pe bahut kaske daba diyeStranger: ahh ahahaStranger: uhhhhhYou: aaaahh hhhh hhhhhhStranger: maine hath pakad liya tumaeaYou: aaahhhhStranger: ahhh ahhahStranger: ahhStranger: cummin ahhhStranger: ahhYou: mmmm…main tumhe leke…niche giraa.
तो मैंने नीता को रोक दिया और टिश्यू पेपर से अपना मुँह साफ किया।अब नीता पूरी तरह से चुदने के लिए तैयार थी। उसने दीवार के पास जाकर अपनी एक टाँग उठा दी और मुझे खड़े-खड़े चोदने के लिए कहा।मेरा लंड सख़्त हो गया था.
फिर हमने चुदाई की।फिर मैं उसे चोद कर वापस गोदाम में आ गया और अपना काम पूरा करके वापस घर आ गया।दूसरे दिन कोई काम नहीं था. आज तो तुझे जी भर के चोदूँगा।दीपाली बिस्तर पर टाँगें फैला कर सीधी लेट जाती है। प्रिया भी उसके पास लेट जाती है।दीपक बिस्तर पर आकर दीपाली की चूत को गौर से देखने लगता है।दीपक- अबे दीपाली. वो बहुत शर्मा रही थी। उसने एक हाथ से अपने चूचे और एक हाथ से अपनी चूत छुपा रखी थी।मैं उसे प्यार से अपनी गोद में उठाकर बिस्तर पर ले आया।अब मैं उसे पागलों की तरह चूम रहा था। फिर मैंने उसका हाथ अपने लंड पर रखा और उसे दबाने के लिए कहा।वो भी पागलों की तरह मेरे लंड को दबाने और खींचने लगी और मैं उसके चूचे दबा और चूस रहा था।उसके बाद वो बहुत ही उत्तेजक आवाजें निकाल रही थी। मैंने उसे लण्ड चूसने के लिए कहा.
बीएफ सेक्सी पिक्चर चलाओ इसलिए मैं हमेशा कम्बल ओढ़ कर बाहर निकलता था।रात को जब वो मेरे साथ होती तो मैं उसको चुम्बन किए बिना जाने नहीं देता। वो भी मेरा भरपूर साथ दे रही थी।एक रात जब वो मुझसे मिलने के लिए आई तो हम लोगों ने थोड़ी देर बातें कीं. मेरे अन्दर ही अन्दर एक घिन सी आने लगी कि मैं एक हिजड़ा के होंठों को चूम रहा हूँ।उसकी पकड़ बहुत मजबूत थी.
फिर वो खाना निपटा कर उठीं और सब प्लेट्स वगैरह टेबल से उठा कर रसोई में रखने लगीं। मैं भी उनका हाथ बटाने लगा और जब सब ख़त्म हो गया. तो मुझे और सास को अकेले रहने का ज़्यादा से ज़्यादा वक्त और मौका मिलेगा। फिर हो सकता है कि मैं अपने मकसद में कामयाब हो जाऊँ इसलिए मैं ज्योति के लिए ज़ोर-शोर से जॉब ढूँढने लगा।आख़िरकार मैंने उसके लिए जॉब ढूँढ ही ली और एक दिन जब ऑफिस से आया तो मैंने कहा- ज्योति आपके लिए गुड न्यूज़ है. पहली बार ऐसे ही होता है।थोड़ी देर बाद राधिका मेरे ऊपर आकर बैठ गई और मुझे चुम्बन करने लगी।कम से कम 8 -9 मिनट बाद मैंने राधिका से कहा- राधिका.
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मैं बहुत थक गई हूँ।दीपाली ने बाथरूम जाकर अपने आपको साफ किया और फ्रेश होकर बाहर आ गई।दीपाली- ओके दोस्तों. की दीवारें गायब हो जाती हैं और सिर्फ चूत नजर आती है। वैसे भी रात के अँधेरे में चूत सब एक सी होती हैं।कुसुम भाभी के चले जाने के बाद काफी दिनों से बुर नहीं मिली थी। सो मुझे ये कल्लो में ही लौड़े की खुराख दिख रही थी।बारात चल दी. तो कमीनापन और रंडीपना तो कूट-कूट कर भरा होगा।साक्षी ने प्रीति के साथ कई बार ब्लाइंड डबल डेट की थी, मतलब दो लडकियां और दो लड़के.
और वो बड़े ही गौर से मेरी चड्डी को बिस्तर पर रखकर माया की चड्डी के गीले भाग को बड़े ही गौर से देखते हुए सूंघने लगी और अपनी ऊँगली से छू कर शायद ये देख रही थी कि ये चिपचिपा-चिपचिपा सा क्या है?यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !इतने में मैंने अपनी मौजूदगी को जाहिर करते हुए तेज़ी से बाथरूम का गेट बंद किया. जिसके कारण अपनी नई घटना को कलम नहीं दे पाया।मैं आपको नई घटना सुनाता हूँ। यह इसी वर्ष मार्च माह की है। उम्मीद है आप सब लोगों को पसंद भी आएगी और आप मुझे जरूर पसंद करेंगे।यह घटना लखनऊ की है, मेरे एक मित्र हैं.
मुझे सिखाने के लिए।इस पर राधिका ने मुझसे कहा- कभी मैं न हुई तो?मैंने कहा- अभी तुम मुझे अच्छी तरीके से तैयार कर देना।राधिका ने कहा- ठीक है.
मज़ा आ गया…दीपक के लौड़े ने दीपाली के गले तक पानी की पिचकारी मारी और वो सारा वीर्य गटक गई।अब उसने लौड़ा मुँह से निकल जाने दिया. उसकी ब्रा का साइज़ 32 सी है और पैन्टी 80 सीएम की पहनती है।उसने एक दिन मुझे रंगे हाथों चूत में ऊँगली करते हुए पकड़ लिया था. ससस्स ईयी उफफफ्फ़…विकास ने दीपाली की टाँगें पकड़ कर उसे घुमा दिया यानि बिस्तर के बाहर उसका आधा बदन निकाल दिया और खुद बिस्तर के नीचे खड़ा हो गया।दीपाली- आहह.
मैं समझ गया कि आंटी की चूत से चूतरस निकल रहा है, मैं अपना मुँह वहाँ ले गया और चूत चाटने लगा।आंटी मेरे बाल पकड़ कर सर को अन्दर धकेल रही थीं।मैं समझ गया कि आंटी फुल फॉर्म में हैं, मैं उनकी चूत को ज़ोर-ज़ोर से चाटने लगा। मैं अपनी जीभ आंटी के चूत के अन्दर डालने लगा, आंटी जम कर मेरा सर दबाने लगी. हैलो दोस्तो, मैं रोहित 24 वर्ष का भिलाई से हूँ। मैं आपको एक इत्तफाक से हुई घटना की कहानी बताने जा रहा हूँ. मुझे पैन्टी की वजह से थोड़ी परेशानी हो रही थी सो मैंने पहले दोनों हाथ से उनके ब्लाउज के सारे बटनों को खोल दिए और पागल होकर मैं भाभी के मम्मे देखने लगा।इसके बाद मैं साड़ी को ऊपर करने लगा.
वो एक भूखी शेरनी की तरह एक के बाद एक मेरे लौड़े पर अपनी चूत से वार करने लगी और निरंतर उसकी गति बढ़ती चली गई।जैसे रेल की चाल चलती है.
बीएफ सेक्सी एचडी वीडियो बीएफ: पिछले तीन दिन से ना कुछ खाना अन्दर जाता था, ना सो पाती थी… बस यही डर लगा रहता था कि कहीं घर में किसी को पता ना चल जाए।मैं जैक्सन से सब प्यार-व्यार भूल गई थी। बिस्तर पर लेटे-लेटे यही सब सोच ही रही थी कि तभी मेरे घर की घन्टी बजी।मैंने दरवाजा खोला. अब झड़ना शुरू हुआ तो मैंने उसको पकड़ लिया और लंड उसकी बुर में ही पड़ा रहने दिया। पाँच मिनट बाद लंड बाहर निकाल कर साफ किया। वो शादी के मेहमानों के चक्कर में मेरे घर 4 दिन तक रूकी। इस बीच मैंने 9 बार उसे चोदा। फिर निम्मी भी चली गई।इस के बाद की एक घटना और सुना रहा हूँ। यह बात तब की है.
तभी मैंने दूसरा धक्का लगा दिया और भाभी ने अपने नाख़ून मेरे पीठ में गाड़ दिए।मैंने और एक धक्का लगा दिया और मेरा पूरा लण्ड भाभी की चूत में समा गया. Lund Ko Chut Ki Chudas Lag Gaiमेरे लण्ड का कौमार्य-1मेरे लण्ड का कौमार्य-2नमस्कार दोस्तो, जैसे कि आपने मेरी पहली कहानी में पढ़ा था कि कैसे मुझे पहली बार नीता के साथ चोदने का मौका मिला. मुझे भी नहाना है।मैं उनके बाथरूम में गया और देखा तो चाचा ने नहा लिया था और वो मंदिर के पास भगवान की पूजा कर रहे थे।मैं बाथरूम में घुस गया और चाची के कपड़े खोजने लगा और मुझे उनकी ब्रा और पैन्टी मिल गए.
गप्प्प…मैं- आई… लव…यू… टू… जान… फाड़ दूँगा तेरी चूत को आज… आहह… उफफ्फ़तभी विधा ने मुझे ज़ोर से पकड़ा और मेरे कान में बोली- फक मी जान… मुझे चोद दो अब! आह…मैं उसके ऊपर लेट गया और उसे कस के पकड़ कर चूमने लगा। मैंने अपना लंड उसकी चूत में मसलते मसलते पूछा- अभी भी खुजली हो रही है जान…?‘एम्म्म… फस्स… फ्स… फ्स… अओईंम.
जो बड़ी थी उसने इशारे से मुझे बुलाया।मैं चूत पाने की हसरत में लपक कर दीवार पर चढ़ गया।वो बोली- तुम्हारा ‘वो’ बहुत मस्त है। तुम हमसे दोस्ती करोगे?मैंने कहा- दोस्ती बराबर की होती है. तो नीता तुरन्त मान गई।शाम को ड्यूटी से फ्री होने के बाद मैंने कंपनी की कार ले ली और नीता को पिक-अप करके डिनर के लिए ले गया।उस शाम नीता के अलावा मेरे दिमाग में कुछ नहीं था। डिनर के वक़्त वो सिर्फ मुझे देख कर मुस्कुराती रही और मैं उस रात इतना उत्साहित हो रहा था कि मेरा अपने ऊपर काबू नहीं था।तभी मुझे अपनी टाँगों के बीच उसके पैरों का स्पर्श महसूस हुआ. पर मुझे बाद में याद आया कि मोबाइल में कुछ सेक्सी मूवी भी हैं।फिर मैं एक घंटे बाद वापस आया तो मैंने देखा कि आंटी का मूड थोड़ा खराब लग रहा था।मैंने पूछ लिया- क्या हुआ?तो उन्होंने मेरा कान पकड़ा और कहा- तुम ऐसी गंदी मूवी देखते हो?मैं डर गया और उनसे माफी माँगने लगा तो उन्होंने ‘ठीक है’ कहकर मुझे छोड़ दिया।मैं इतने में कहाँ सुधरने वाला था.
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