देसी गर्ल की बीएफ
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कुछ देर हम दोनों चुप रहे और वो मेरी आँखों में यूँ ही कामुकता से देखती रहीं। उनकी निगाहें मुझे चूत चुदाई के लिए बुला रही थी. तो उसको मैंने उंगली से इशारा किया कि वो कोशिश करे कि उसका लण्ड भी मेरी गाण्ड में आ जाए।मुझे थोड़ा डर भी लगने लगा कि पता नहीं यह हो पाएगा या नहीं. पूरा लौड़ा जड़ तक चूस रही थी।कुछ देर बाद राधे सीधा लेट गया और मीरा को कहा- अब तुम धीरे से लौड़े पर बैठ जाओ.
पर तुम सब तो जानती हो मुझे झूठ कहना तक नहीं आता। मैं कैसे एक्टिंग कर सकता हूँ।निशा- तो तुमने ऑडिशन दिया कैसे?मैं- वो मेरे एक्सप्रेशन्स देखना चाहते थे। हंसी, मस्ती, डर, दर्द… इन सब के एक्सप्रेशन मैं कैसे देता हूँ।मैंने अपनी आँखें बंद की और मैंने हर शब्द के साथ याद किया उन शब्दों से जुड़े हुए अपने बीते लम्हों को और मेरे चेहरे के भाव उसी हिसाब से खुद ब खुद बदलते चले गए. 5” मोटा और 7” लंबा है जो लड़कियों को बहुत पसन्द है।आज मैं अपनी एक सच्ची कहानी आप लोगों के साथ साझा करना चाहता हूँ. और वो बड़े मजे से चूसती रही। फ़िर जब मुझसे कन्ट्रोल होना मुश्किल हो गया तो मैंने उसे वहाँ से हटा कर बिस्तर पर सीधा लेटा दिया और खुद उसके पैरों के बीच आ गया।जब अपने लंड को मैंने अपने हाथ से पकड़ा तो उसने छुड़ा कर अपने हाथ से पकड़ कर अपनी चूत पर लगा दिया और मेरी आँखों में देखा तो मुझे भी सिग्नल मिल गया तो मैंने भी अपना लौड़ा आगे बढ़ा दिया।लेकिन वक्त से पहले और किस्मत से ज्यादा किसी को नहीं मिलता.
इस बार मैंने गौर किया कि कृतिका मेरे आस-पास ही रहती थी और कई बार मुझे एकटक देखती रहती थी।वो अक्सर मेरे बगल में आकर बैठ जाती थी और मुझसे खूब बातें करती थी. तो वो और भी मस्त हो गई।मैं भी बिना हिचकिचाहट के उसके दोनों मम्मों पर हाथ रख कर उसे सहलाने लगा।मम्मों को सहलाते हुए मैंने उसके निप्पल को अपनी चुटकी से मसला. ? अब तक पापा ने मुझे ढूंढने को एफआईआर भी करवा ही दिया होगा।मैं तीन महीने पहले झारखण्ड के कोडरमा शहर में चार कमरों के मकान में रहता था.
देखा तो स्नेहा ने फूलदान तोड़ दी थी।आज कहानी को इधर ही विराम दे रहा हूँ। आपकी मदभरी टिप्पणियों के लिए उत्सुक हूँ। मेरी ईमेल पर आपके विचारों का स्वागत है।. मैंने उन्हें फिर किसी दिन जी भर कर संतुष्ट कर देने का वादा किया और चुपचाप वहाँ से अपने घर चला आया।तो दोस्तो, यह थी मेरी जीवन की असली घटना जिसने मुझे असीम सुख दिया.
उन्हें पूरा प्लान बता दिया और सविता के घर आने के लिए कहा।उन्होंने ने भी ‘हाँ’ कर दी और थोड़ी देर में आने का कह कर फ़ोन रख दिया।मैंने सोचा इतने लोग रहेंगे और खाने के लिए कुछ तो लाना पड़ेगा। मैंने तुरंत ऑनलाइन आर्डर किया और दो केक मंगवा लिए.
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सर्दियों के दिनों की है जब मैं दिल्ली के जमरूदपुर इलाके में किराए के मकान में अपने दोस्त के साथ रहता था।वह पूरा चार-मंजिला मकान किराएदारों के लिए ही बना हुआ था. उन लड़कियों की हिम्मत देख मुझमें भी थोड़ी हिम्मत आ गई थी। मुझे लग रहा था कि शायद अब मैं भी अपनी तन्हाई से लड़ लूँ। मैंने उनसे अपनी कहानी बताई और कहा- मैं नहीं जानता. क्योंकि मैंने आपके पूरे शरीर को तो तेल लगा दिया है अब सिर्फ़ आपके गुप्त अंग ही बाकी हैं।मेरे मुँह से ये सुनते ही उनका चेहरा और लाल हो गया और उन्होंने अपनी आँखों पर पट्टी लगा ली।फिर मैंने अपने दोनों हाथों में तेल लिया और उनके पीछे जाकर मेरे लण्ड को उनकी गाण्ड से सटा कर उनकी ब्रा में ऊपर से हाथ डाला.
अभी भी उसमें थोड़ी बियर बाकी थी। वो उठा और मीरा के पैरों को अपने कन्धों पर रखा। अब वो बियर चूत पर डाल कर चाटने लगा।मीरा- आह्ह.
तो जैसे ही मैंने पूछा- क्या हुआ?तो वो ‘फफक’ कर रो पड़ी।मैं उसको चुप कराने लगा। मुझे बहुत बुरा लग रहा था। लेकिन कर भी क्या सकता था।जैसे-तैसे जब उसको चुप कराया. राधे को कुँवारी चूत के जैसा मज़ा आने लगा।दस मिनट तक राधे ममता के मुँह को चोदता रहा।राधे- बस ममता अब क्या मुँह से पानी निकालोगी. मैं भी उनके पीछे-पीछे वहाँ गया और सीधे उनके कमरे में जाकर उन दोनों को रंगे हाथ पकड़ लिया और ज्योति के पति को दो झापड़ मारे।तब ज्योति का पति मेरे पाँव पड़ने लगा और कहने लगा- प्लीज़ आप किसी को कुछ बताइएगा नहीं.
सबेरे जब दीदी सोकर उठीं और झाड़ू लगाने मेरे कमरे में आने लगीं।यह मेरी दीदी के साथ मेरी सच्ची कहानी है। हो सकता है कि आपको बुरा लगे. फिर मैंने उसको बिस्तर पर बैठा दिया और मैं भी उसके बगल में बैठ गया।मैंने उससे कहा- मैं तुम्हें किस करना चाहता हूँ।उसने कहा- यश. चाहे जो हो जाए।मैंने अपना हाथ उनके पिछवाड़े के बीचों-बीच रखा और हल्का सा ज़ोर देकर उंगलियाँ अन्दर की ओर दबाईं तो मुझे लगा कि उनकी साड़ी बहुत पतली है.
तो उसका पल्लू सोफे में फंसा हुआ था।उसने मुझसे सॉरी कहा।मैंने गुस्से में कहा- तुम हमेशा मुझे गलत क्यों समझती हो। बचपन में तुमने मेरे प्यार को गलत समझा और आज भी.
और मेरे लीक हो चुके फिल्म के ट्रेलर चल रहे थे। तभी मुझे ख्याल आया कि ये न्यूज़ मेरे घर पर भी तो सब देख रहे होंगे। अब वक़्त आ चुका था. तुमको लड़कियों की भावनाएँ भी समझ में नहीं आती हैं।अब मैंने थोड़ा शरमाते हुए जवाब दिया- मैंने कभी भी आपके बारे में ऐसी बात सोची ही नहीं और वैसे भी आपकी शादी हो चुकी है.
देसी गर्ल की बीएफ और थोड़ा सा उसकी चूत की दोनों फांकें खोल कर मल दिया फिर चिकनाई पाकर मैंने लण्ड को ज़रा सा अन्दर किया. लाइट… कैमरा… एक्शन !मैं अपने एक बेडरूम का फ्लैट का दरवाज़ा खोलता हूँ। मैं अब तक उसकी यादों में उदास था। चाभियाँ वहीं टेबल पर फेंक कर मैं बिस्तर पर लगभग गिरते हुए लेट जाता हूँ और मेरी आँख लग जाती है।डायरेक्टर की आवाज़, ‘सीन चेंज.
देसी गर्ल की बीएफ पेटीकोट भी उतार दिया। अब वो मेरे सामने बिल्कुल नंगी खड़ी थीं।मैंने उनको बिस्तर पर लिटाया और चाची की चूत पर हल्के से किस किया. मैं उतारता हूँ।अब मैंने अपनी कमीज़ उतार दी।फ़िर चाची ने कहा- जीन्स भी उतारो।मैंने धीरे-धीरे वो भी उतार दी। अब मैं अन्डरवियर में उनके सामने खड़ा था।मुझे बहुत शरम आ रही थी।इस पर उन्होंने कहा- यह भी उतारो.
ना जाने किससे… पर सुरक्षित महसूस हो रहा था।यूँ ही चूमते-चूमते ही हम उसके सोफे पर लेट गए और मैंने उसके रसीले होंठों के अलावा भी दूसरे अंगों का रस लेना शुरू किया। फिर धीरे से उसके टॉप को कंधों से सरकाया और उसके कंधों को बेतहाशा चूमने लगा।उसे कुछ भी होश नहीं था कि क्या हो रहा है.
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फिर मैं उनके मुँह में मूतने लगा और वो मेरा पेशाब पी गईं।उसके बाद वो उठ कर रसोई में नाश्ता बनाने चली गईं और मैं तैयार हो गया।मैं भी रसोई में चला गया और उन्हें चुम्बन करने लगा. तो एक दिन वो बोली- तुम मुझसे बात क्यों नहीं करते?तो मैंने कहा- मुझे शर्म आती है।उसने मुझसे अच्छे से बात की थी इसलिए उसके बाद उस दिन से मैंने उससे बात करना शुरू कर दिया।उससे बात करते-करते फिर एक दिन आया कि मैं अपने प्यार का इज़हार कर दिया और उसने मेरी बात मान ली।उस दिन के बाद से उसके घर में रहने में मज़ा आने लगा था। उसके बिना एक पल भी अच्छा नहीं लगता था।जब वो मेरे कमरे में आती. ठीक वैसे ही जैसा पहले हुआ था। मैं इस बार उसे देख न पाया और वहीं घुटनों पे आ गया।तृषा- मैंने अपना सपना जी लिया है। अब मुझे कुछ भी नहीं चाहये। बस तुम खुश रहना।वो ते कह कर वैसे ही दरवाज़े के बाहर निकल गई। मैं अब तक सदमे में ही था।तभी निशा कमरे से बाहर आई।निशा- क्या हुआ तुम्हें.
अब नादिया इतनी मस्त थी कि उसकी चूत से हल्का पानी रिसने लगा। नादिया की चूत चाटकर मैं उसे मज़ा जो दे रहा था. मेरे मन में ख्याल आया कि अब गाड़ी पटरी पर आ गई है तो अब देर नहीं करना चाहिए।फिर क्या था हमने चुदाई करने का प्लान बनाया।मैंने उसको नजदिकी मैट्रो स्टेशन बुला लिया. हम दोनों एक-दूसरे में खोते चले गए।आज पहली बार मैं उसके इतने करीब होते हुए भी उससे खुद को कोसों दूर पा रहा था.
मेरी आँखों में आंसू आ गए थे। कभी भी मैंने ये नहीं सोचा था कि हमारे परिवार वाले नहीं मानेंगे। हमारी कास्ट अलग थी.
पर मैंने डर के कारण कुछ नहीं किया।थोड़ी देर बाद मैं सो गया और सुबह घर आने के लिए तैयार होने लगा।वो कमरे में आई और बोली- घर मत जाओ।मैंने कहा- मैं नहीं रुकूँगा।वो बोली- नहीं रूकोगे तो रात वाली बात भईया को बता दूँगी।अब मैं रूँआसा हो कर बोला- आखिर तुम क्या चाहती हो?. तो जबाव में वो भी तुरन्त मेरे लन्ड पर काट लेती।हम दोनों एक-दूसरे को मात देने के लिए जवाब पर जवाब देने में लगे हुए थे। कोई हारने को तैयार नहीं था. और रगड़ने लगा।नेहा मस्त हो उठी उसने गाड़ी में चुदाई ठीक नहीं समझी और गाड़ी को घर ले आई। घर में आकर मैंने उसे गोद में उठाया और उसकेबेडरूम में ले गया।मैंने जल्दी से नेहा का सूट उतार दिया उसकी काली ब्रा और पैन्टी को भी उतार फेंका और उसे वहीं लेटा दिया। टेबल पर पास में एकशहद की शीशी रखी थी.
और ये बात हम दोनों के बीच में ही रहनी चाहिए।मैंने उनको भरोसा दिलाया कि यह बात हम दोनों के बीच ही गुप्त रहेगी।फिर उन्होंने मुझे मिलने को कहा।मैंने उन्हें रविवार को मिलने को कहा तो उन्होंने मुझे बताया- रविवार को तो उनके पति घर में ही रहते हैं. उसने मस्त सफ़ेद रंग की ब्रा पहन रखी थी। मैंने धीरे-धीरे उसके सारे कपड़े उतार दिए और अपने भी कपड़े उतार दिए।अब हम दोनों नंगे थे. तो उन्होंने मुझे रुकने को कहा और दूसरा पैर आगे बढ़ाया।मैंने ठीक उसी तरह दूसरे पैर को भी चाटा।जब वो पूरी तरह से इससे संतुष्ट हुईं तब उन्होंने मुझे रुकने के लिए कहा.
आज शीतल ने भी थोड़ी बियर लगा ली थी।मैंने रवि से सीधे सीधे पूछा- शीतल से एन्जॉय तो नहीं करना है?रवि ने ‘हाँ’ कर दी. उसके निप्पल बहुत बड़े थे।अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था। मैंने उसकी पैन्टी उतार दी और उसे लिटा कर उसकी चूत में अपना पूरा 7″ इंच का लंड पेल दिया।वो मेरा लौड़ा अपनी चूत में लेते ही बोली- आह्ह.
थोड़ी देर बाद हम 69 की अवस्था में आ गए।उसने मेरा लण्ड मुँह में ले लिया।यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !दोस्तो, लण्ड को उसके मुँह में देते ही क्या मस्त सुकून मिला मुझे. लस्त-पस्त सा उन्हें चुदासी नजरों से देख रहा था।फिर वो बोलीं- अब मुझे भी खुश कर दो।वो मेरा हाथ पकड़ कर मुझे बेडरूम में ले जाने लगीं. आशा है आपको मेरी पिछली दोनों कहानियाँचार लड़कियों के सामने नंगा होकर मुट्ठ मारीशीमेल और मेरी गाण्डपसंद आई होगी। आज मैं तीसरी कहानी बताने जा रहा हूँ.
जिसे वो पीना तो नहीं चाहती थीं लेकिन मैंने उसे जबरदस्ती पिलाया।इसके बाद मैंने उन्हें दस दिनों तक इतनी बार चोदा.
मैंने आपकीसारी मूवीज़ देखी हैं!मैंअभी आपके साथ आपकी एक मूवी का एक स्टेप करना चाहता हूँ!इससे पहले सनी या कपिल कुछ बोले,सिद्धू जी बोल पड़े-गुरु:हर पीला फल आम न होता. मैं क्या करती हूँ।मेरा लंड पकड़े-पकड़े वो मुझे बाथरूम में ले गई और वहाँ ले जा कर मुझसे कहा- मैं इस लंड को इतना टॉर्चर करूँगी कि ये सुन्न हो जाएगा।फिर मेरे लंड जो कि झड़ जाने के बाद लटका हुआ था. मुझे बहुत मजा आता है। लोगों के सेक्स के प्रति यूँ खुले विचारों का आदान-प्रदान के लिए ये बहुत अच्छा मंच है।आज़ मैं भी अपनी कहानी रखना चाहती हूँ। अगर आपको पसंद आए तो प्रतिक्रिया जरूर दीजिएगा।मुझे कल्पना और संवेदना वाली कहानियाँ ज्यादा पसंद आती हैं। किसी भी कहानी में सेक्स होने से पहले की घटना ही ज्यादा रोमांचित करती है। ये मैं अपना अनुभव कह रही हूँ।मेरा नाम मेघा है.
उस पूरे सैट पर मैं उन दोनों को भगाने लगा और पूरे सैट पर सब लोग हंस-हंस कर लोट-पोट हो रहे थे।हमारी आज की शूटिंग ख़त्म हो चुकी थी। सो अब वापस घर जाने का वक़्त था। मैं तृषा की कार में बैठ गया और तृषा ड्राइव करने लग गई।तृषा- तुम्हें ड्राइव करना नहीं आता है?मैं- आता है।तृषा- तो फिर ड्राइव क्यूँ नहीं करते हो?मैं- वो मेरे दोनों हाथ फ्री रहते हैं न. एक्शन’तभी एक अलार्म की आवाज़ से मैं जागता हूँ। वैसे ही उदास सा मैं वाशरूम में जा कर अपने चेहरे पर पानी की छींटें मारता हूँ और जब मैं शीशे में अपने चेहरे को देखता हूँ तो पानी की बूंदों के साथ बहते मेरे आंसू मुझे दिख जाते हैं। इन आंसुओं को देख कर मुझे गुस्सा आने लगता है और मैं वहीं ज़मीन पर गिर जाता हूँ।कट.
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तो मम्मी ने मुझे प्रीति को छोड़ कर आने को कहा।मैंने बाइक निकाली और प्रीति को लेकर चल दिया। खराब सड़क होने के कारण मुझे बार-बार ब्रेक लगाना पड़ रहा था.
तो एक बज रहा था और भाभी वहीं नंगी लेटी हुई मुझे देखे जा रही थीं।उसके बाद वो उठ कर रसोई में गईं और मेरे लिए दूध लेकर आईं। दूध पीने के बाद वो मेरे लौड़े से फिर खेलने लगीं और इसके बाद मैंने उस रात दो बार फिर से भाभी की चुदाई की।आज भी जब भी मौका मिलता है. मेरी पिछली कहानी को आप सबसे मिले प्रोत्साहन के लिए मैं आप सब लोगों का आभारी हूँ।नमस्कार दोस्तो, जैसे मैंने बताया था मेरी पिछली कहानी में. पर मुझसे नींद तो मानो कोसों दूर थी। बस दिमाग में तृषा के साथ बिताए लम्हे फ़्लैश बैक फिल्म की तरह चल रहे थे।तृषा के साथ बिताए वो पल.
किंतु इस समय मैं किसी भी सवाल का जबाब देने के मूड में नहीं था।कुछ देर में ममता थोड़ा सामान्य हुई तो मैंने दूसरा जोरदार झटका मारा और लंड सीधा उसकी चूत की गहराइयों में समा गया।ममता की दोनों आँखों से आँसू निकल रहे थे और मेरी गिरफ़्त से वो छूट जाना चाहती थी. पर वो लम्हा अभी भी जब भी याद आता है तो मैं गरम होकर किसी मर्द की चाह में खो जाती हूँ कि कोई आए और मिल जाए।मुझे इस चुदाई से इतना नशा और मज़ा मिला था कि मैं आपको बता नहीं सकती।ये मेरे साथ हुआ है. बीएफ वीडियो कुंवारी लड़की का’ की ही आवाजें आ रही थीं।कुछ देर उस तरह चोदने के बाद मैं उसे अन्दर बिस्तर पर ले गया और बिस्तर के किनारे पर बैठ गया और वो मेरे पास आकर मेरे लंड को पकड़ कर उस पर बैठ गई।वो पूरा लंड अन्दर नहीं ले रही थी.
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तो मैं तुम्हें कोल्ड-ड्रिंक, बादाम-मिल्क, बर्फ का गोला और कुल्फी-फालूदा खिलाऊँगी।यह सब मुझे बहुत पसंद था. ’ कर रही थी और मेरा लंड उस की बच्चेदानी से रगड़ रहा था।हर गहरे शॉट पर वो दर्द से तड़फ उठती और मेरा लंड उसकी बच्चेदानी से टकरा कर वापस आता।अब वो थक कर बिस्तर पर लेट गई और बोली- ऐसे नहीं. क्योंकि उस वक्त मेरे लण्ड का बुरा हाल था वो चूत चुदाई चाह रहा था।मैं उनकी पारदर्शी नाईटी में से उनके चूचुक और बड़ी-बड़ी गोरी जांघें.
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जो कि उसके सर के पीछे बालों में घुसे थे।मैं अपने इस स्वस्थ्य स्खलन का मज़ा बंद आँखों से चेहरे पर पसीने की बूंदों के साथ ले रहा था।मुझे होश तो तब आया. उसके बाद मेरे जिस्म का मिलन तेरे जिस्म से करवा दूँगी।राधे उसके मम्मों को बड़े प्यार से दबा रहा था और चूस रहा था। मैंने आपको पहले भी बताया था कि मीरा दिखने में एकदम आलिया भट्ट जैसी दिखती है. ? अब तक पापा ने मुझे ढूंढने को एफआईआर भी करवा ही दिया होगा।मैं तीन महीने पहले झारखण्ड के कोडरमा शहर में चार कमरों के मकान में रहता था.
देसी गर्ल की बीएफ करीब 15 मिनट बाद लंड एकदम सुन्न हो गया। मुझे लंड महसूस ही नहीं हो रहा था।फिर उसने मुझे वहीं लेटा दिया. वो रोमा को सलामी देने लगा। रोमा तो लंड देखते ही बेताब हो गई और झट से अपने घुटनों पर बैठ कर लंड को चूसने लगी।दोस्तो, उम्मीद है कि आप को मेरी कहानी पसंद आ रही होगी.
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वो बेचारी खुद बहुत ज़्यादा डरी हुई है।मीरा- हाँ तुमने ठीक कहा… पता नहीं मुझे इतना गुस्सा क्यों आ गया. इससे उन्हें गुस्सा आ रहा था और वो ज़ोर-ज़ोर से मेरे चूतड़ों को हाथों से मार रही थीं।इधर मैं सैंडविच खत्म कर चुका था. लेकिन जब आंटी मेरे कमरे में आईं और प्यार से मेरे बालों में हाथ फिराती हुई बोलीं- बेटा हाथ-मुँह धो कर आ जाओ.
मानो बुखार हो। इससे मुझे यह भी पता चला कि दीदी का भी शायद ये पहला मौका ही था।तभी एक लंबा चुम्बन करके उन्होंने मेरे मुँह में अपनी जुबान डाली. डॉक्टर हम पापा को हमेशा खुश रखेंगे।एक घंटा वहीं रहने के बाद सब घर आ गए। दिलीप जी को उनके कमरे में लेटाकर मीरा और राधा उनके पास ही बैठ गई।ममता ने खाने के लिए पूछा. अंग्रेजी बीएफ एचडी सेक्सीतुम्हारे चाचा-चाची भी तुमसे मिलना चाहते हैं।मैं- ठीक है। आप सब अपना सामान पैक करें और एअरपोर्ट पर दो घंटे में पहुँचें, मैं प्राइवेट जेट भेज रहा हूँ।पापा ने शायद फ़ोन लाउडस्पीकर पर किया हुआ था। तभी मम्मी की आवाज़ आई।‘कैसे हो बेटा.
तो मुन्ना के मुँह में पानी आ गया और वो घुटनों के बल बैठ कर मेरी गाण्ड का छेद चाटने लगा।उसकी जुबान की सनसनी से मेरे तो होश ही उड़ गए.
शशि से मिलने गए।शशि ने बहुत टाइट जीन्स पहनी हुई थी जिससे उसके नितम्ब बहुत उभरे हुए थे। ब्लू जीन्स के ऊपर उसने सफेद टी-शर्ट पहनी हुई थी. ?मैं- पागल, बीमार और दर्द से तड़पता हुआ इंसान।वही पत्रकार- मैं समझी नहीं।मैं- जब आप दुखी हों और कोई आपको ख़ुशी से चिल्लाने को कहे.
? मुद्दे की बात तो बताओ।मैं- फिर मुझे मजबूरी में ऑडिशन देना पड़ा।तृष्णा- तो इसमें कौन सी बड़ी बात है।अब तक सब मुझे घूरे ही जा रही थीं।तभी मैंने अपना चैक निकाल बीच में रख दिया और कहा- ‘ये है वो बात…’तृष्णा चैक उठा कर बड़े गौर से देखने लगी। साथ ही ज्योति और निशा भी देख रही थीं।अब मैं इंतज़ार कर रहा था. लेकिन सुन्न होने के कारण उसे ज्यादा दर्द नहीं हुआ।फिर जम कर धकापेल चुदाई हुई और शीतल की चुदाई कुछ इस तरह से हो रही थी कि मैं धक्का मारता तो रवि अपना लौड़ा बाहर को करता और जब रवि चूत में ठोकर मारता तो मैं लवड़े को शीतल की गांड से बाहर खींच लेता. तो परदे भी कुछ खजुराहो के मैथुनरत नायक-नायिकाओं के जैसे छाप के थे।उसके कंधे पर बालों से पानी गिर रहा था.
इसके अलावा कुछ नहीं।जयपुर में हम मिलने लगे और वो मेरी और मैं उसकी हर तरह से उसकी सहायता करने लगे।वो जयपुर में अकेली रहती थी और एक ट्रैवल कम्पनी में काम करती थी।इस तरह उससे बात होते-होते.
मैंने दरवाजा खोला तो बाबूजी आए थे। बाबूजी कपड़े बदल कर हॉल में टीवी पर प्रोग्राम देखने बैठ गए।विलास भी नहाकर टी-शर्ट और हाफ पैन्ट पहन कर हॉल में बाबूजी के साथ बातें करते हुए बैठ गए।अपना काम निपटाकर मैं भी हॉल में आकर विलास के बाजू में बैठ गई।थोड़ी देर के बाद बाबूजी बोले- बहू खाना लगा दो।तो विलास ने कहा- बाबूजी आप खाना खा लो. यह तो मेरी वजह से हुआ है।मुझे उनकी बात कुछ समझ में नहीं आई तो मैंने उनसे पूछा- आपकी वजह से कैसे?उन्होंने इठलाते हुए कहा- मैं ही तुम्हारे कुछ ज़्यादा करीब आ गई थी।फिर अचानक उन्होंने हंसते हुए मुझसे कहा- इतने हैण्डसम होते हुए भी. मुझे एक दोस्त ने मुझे कुछ दिन पहले ही अन्तर्वासना साइट के बारे में बताया था।मैं नोएडा का रहने वाला हूँ.
बीएफ हिंदी में स्टोरीमैं उसके मुँह को चूत समझ कर चोदने लगा।बड़े लौड़े के कारण उसको दर्द होने लगा और उसकी आँखों से आँसू आने लगे थे।अब मेरा माल निकलने ही वाला था. वो मेरे लंड को देख कर पागल हो गई।मैंने जब उसे उसका वेबकैम स्टार्ट करने को बोला तो उसमें मना कर दिया। लेकिन फिर भी मैं अपना कैम उसे दिखाता रहा और उसकी फरमाइश पूरी करता रहा.
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वो बाहर चले गए।मैं दरवाजा बंद करके विलास के पास गई विलास ने झट से मुझे पकड़ कर अपनी बाँहों में ले लिया और मेरे होठों पर होंठ रख कर चुम्बन करने लगा। मैं भी उसका साथ देने लगी।फिर उसने मेरे गाउन को निकाल कर फेंक दिया. क्योंकि मुझे नींद आ रही है।मैं विस्मित रह गया और सोचने लगा।चालू- क्या हुआ?मैं- कुछ नहीं।मैं तुरन्त परदे लगा कर बाहर देखने लगा। गाना बदल चुका था. और मुझे पक्का विश्वास दिलाए कि मुझे बच्चा देकर वो कभी मुझे परेशान नहीं करेगा। तब मैं ख़ुशी से उसको अपनी चूत दे दूँगी।ये सब कहते-कहते ममता की आँखों में आँसू आ गए।राधे- तुम्हारा दिल दुखाने का मेरा बिल्कुल इरादा नहीं था ममता.
घर पर मैं और वो और उसकी चचेरी बहन थी।मैं उसके पास जाकर सोफे पर बैठ गया और उसके जिस्म को स्पर्श करने लगा. क्योंकि मुझे बड़े चूचे ज्यादा पसंद हैं।मैं बड़े चूचों वाली महिलाओं की चोदने से पहले खूब थन-चुसाई करता हूँ।आप यह कहानी अन्तर्वासना. मगर वो उसके होंठों को चूसता रहा और उसकी पीठ पर हाथ घुमाता रहा। कोई 5 मिनट बाद दोनों अलग हुए।मीरा- तुम बहुत गंदे हो.
और वो मेरे लौड़े को चूसना शुरू कर देती है।यह भी कह सकते हैं कि मैं अपना लौड़ा उसके मुँह से धोता हूँ।एक बार तो मैंने उसे उसकी बेटी के सामने नंगा करके चोदा था. पर उनको बुरा नहीं लग रहा था।शायद उन्होंने ये सब नोटिस नहीं किया फिर थक कर हम दोनों बैठ गए। वो इतना थक गई थीं कि वो मेरे कंधे पर सर रख कर बातें करने लगीं. मैं अब उनके चूचों को मुँह में लेकर चूसने लगा और दांतों से कभी-कभी काट लेता था। तब वो भी कामातुर होकर मेरा लंड शॉर्ट्स के ऊपर से पकड़ कर अपना हाथ ऊपर-नीचे करने लगीं।मैंने उनकी चूत पर हाथ फेरना चालू कर दिया। उन्होंने नाइटी के अन्दर ब्रा और पैन्टी में से कुछ भी नहीं पहन रखा था.
चूतड़ों और मम्मों को सहलाते हुए गाउन को नीचे गिरा दिया।रजनी अब सिर्फ पैन्टी में बची थी। मैं पूरी तरह से रजनी के गदराए हुए जिस्म के नशे में मदहोश हो रहा था। उसके होंठ चूसते हुए मैं उसके कान के पास. इससे उनका उत्तेजनावश हाँफते हुए बुरा हाल हो रहा था।लगातार रगड़ से उनका दाना ऊपर की तरफ फूल गया था और इसके बाद उनकी बुर के अन्दर मेरी ऊँगली जो घुसी.
का शोर अभी खत्म हुआ ही था कि चालक महोदय ने बिहार के मशहूर गायक खेसारी लाल यादव का वीडियो एलबम अपनी पूरी आवाज में चालू कर दिया।जिसके बोल थे- सईयां डोली मुदले रहनी पीयरी माटी से.
मैं उससे मन ही मन उसे चोदने का सोचने लगा था!एक दिन हुआ यूं कि मेरे एक बचपन का दोस्त कुलदीप मुझे कॉलेज से आते मिल गया G-2 सर्कल पर मुझे देखते ही उसने मुझे आवाज लगाई. सुहागरात का हिंदी बीएफसफ़ेद पानी आने लगा और कुछ दाने भी निकल आए थे।उसकी मम्मी मुझे दिखाने के लिए उसको लाईं।मैंने उसकी सलवार निकलवाई और चैक करके उसको दवाई दे दी।इस तरह से वो 3 बार मुझसे दवाई लेकर चली गई।अब तक मैं उस बारे में ऐसा-वैसा कुछ भी नहीं सोच रहा था।कुछ दिनों बाद उसके एग्जाम खत्म हो गए थे. पाकिस्तान की लड़कियों की सेक्सी बीएफउसने अभी भी पैन्टी पहनी हुई थी।मैंने अपने दांतों से उसकी पैन्टी उतारी और उसके रोम विहीन योनि को अपने मुँह में लेकर चूसने लगा।उसने इशारा किया कि उसे मेरा लंड चूसना है. तब मैंने उससे उसका असली नाम पूछा- तुम्हारा असली नाम क्या है?मेरे 5-6 बार पूछने पर भी उसने अपना नाम नहीं बताया.
तब उसे अपनी गोद से उतार नीचे घुटनों पर बिठाया और अपने लिंग को उसके मुँह में दे दिया।फिर वैसे ही अन्दर-बाहर करता हुआ उसके मुँह में अपना वीर्य गिरा दिया। थोड़ी देर तक चिपकने के बाद हम बाथरूम से बाहर आए और मैं अपनी पैंट पहन कर बिस्तर पर गिर पड़ा और तृषा को अपने ऊपर लिटा लिया।यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!एक बार फिर हमारे होंठ मिल गए। हमारी आँखें थकान की वजह से अब बोझिल हो रही थीं.
फिर मैंने उसकी गाण्ड पर तेल लगाया।मैं उसकी गाण्ड पर तेल लगाता जाता था और उसे मसलता जा रहा था।फिर उसकी पीठ पर, उसकी जाँघो पर. इसलिए वो थोड़ी हड़बड़ाई और शर्मा कर अन्दर के कमरे में साड़ी पहनने चली गईं। जब वो वापिस आईं तो मैंने कहा- आप क्यों चली गई थीं?तो उन्होंने कहा- आपके सामने नाईटी में थोड़ी हया तो रखनी पड़ेगी ना. अब मैं अंडरवियर में रह गया था और वो ब्रा-पैन्टी में खड़ी थी।मैंने अपनी लाइफ में कभी किसी जवान लड़की को नंगा नहीं देखा था।मैंने बेकाबू होकर उसकी पैन्टी भी उतार दी और उसने मेरा निक्कर नीचे को खींच दिया।अब हम दोनों ही नंगे हो गए था और आपस में चिपक गए।मैं उसकी रसमलाई सी चूत को देखता ही रह गया.
तो उसमें सुधार करने का सुझाव जरूर देने की कोशिश कीजियेगा।मैं अपने बारे में सिर्फ इतना कहना चाहता हूँ कि जो मुझसे एक बार मिलता है, फिर बार-बार मिलना चाहता है।यह कहानी मेरी जिंदगी की पहली सेक्स कहानी है, यह घटना करीब 5 साल पहले की है जब मैंने एक अपने से 5 साल बड़ी महिला से सेक्स संबंध बनाया था. पर इसमें भी मजा आ रहा था और अब उसने गाण्ड उठा-उठा कर चूत को मेरे मुँह पर धकेलना शुरू कर दिया था।मैंने भी जीभ और अन्दर तक फिरानी चालू रखी. वो मैं करूँगी।फिर मैं उसके ऊपर चढ़ गया और अपने लंड को उसकी चूत के मुँह पर रगड़ना शुरू कर दिया और वो फिर से सिसकारियाँ भरने लगी और बीच-बीच में अपने चूतड़ को उचकाने लगी।जब वो मुझे ज़्यादा ही मदहोश होने लगी.
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उनकी शादी उस वक़्त तक नहीं हुई थी और मैं उन्हें अंकित की तरह अंकल कहता था।एक दिन जब मैं अंकित से मिलने उसके घर गया. अब वो मुझसे चिपक कर बैठ गई।फिर एक सुनसान जगह देख कर मैंने बाइक खड़ी कर दी।वो इठला कर बोली- क्या इरादा है आपका?मैंने उसे अपनी ओर खींचा और उसके होंठों में होंठों को डाल दिया। शुरुआत में तो उसने छुड़ाना चाहा. इतने वक्त में उसने अब मेरे घर के ठीक सामने एक कमरा किराए पर ले लिया।अब धीरे-धीरे मैं भी उनके घर पर रोज़ ही जाने लगा.
के जैसी अपनी आँखें बंद करके पड़ी थी और मेरे लण्ड को अपनी चूत में पूरा घुसा हुआ महसूस कर रही थी।मैंने मुस्कुरा कर उसके माथे पर एक चुम्बन लिया और फिर उसकी चूत पर अपने लण्ड के प्रहारों को करना आरम्भ कर दिया।आरम्भ में वो कुछ सिसयाई पर जल्द ही उसके चूतड़ों ने भी मेरे लौड़े की धुन पर नाचना शुरू कर दिया।मैं अपनी कमर ऊंची उठाता.
बिलकुल मुझे भी ऐसा ही लग रहा था।फिर मैंने दूसरे हाथ से उसकी ठोड़ी को ऊपर उठाकर उसकी आँखों में झांकते हुए.
तभी मैं भी बिस्तर से उठ कर खड़ी हुई और जाकर दादा जी से लिपट गई।तीन बुड्डों ने मेरी चूत की सील तोड़ी-7वो तीनों और मैं सब पूरे नंगे थे. अब मैं ओर डॉली रोज ही मिलने लगे और चुपचाप अकेले ही घूमने लगे। हमारा प्यार परवान चढ़ने लगा। मैं डॉली को किसी भी तरह के धोखे में नहीं रखना चाहता था. एक्स एक्स वीडियो सेक्सी हिंदी बीएफइसके बाद मैंने मौसी की पूरे दम से चुदाई की और झड़ने के बाद मैं सो गया। मौसी वहाँ से चली गईं।फिर मैं सोकर 3.
हम तीनों को एक-दूसरे का साथ काफी पसंद आने लगा।हेमा और मैं अब अच्छे दोस्त बन गए थे। वो मुझसे हमेशा मेरी गर्ल-फ्रेंड के बारे में पूछती. फिलहाल मैं अपनी कहानी सुनाता हूँ।मेरे चाचा के छोटे बेटे और मेरे बड़े भाई वरूण भैया जो कि जेट एयरवेज में पायलट हैं। उनकी शादी 8 माह पहले जनवरी 2013 में पल्लवी भाभी से हुई थी। उनकी उम्र 27 साल है. फ़िर वो दिन आ ही गया और जिस दिन का मुझे बेसब्री से इन्तजार था।मैं सुबह पांच बजे मॉर्निंग वॉक के लिए जाता था और सायरा का घर भी उसी तरफ था।उस दिन भी मैं सुबह की सैर पर जा रहा था.
प्यार के एहसास को जीना सिखाया और शायद वो अपने होने का मुझे एहसास करा गई।फिल्म धीरे-धीरे पूरी होती जा रही थी। अब मेरी एक्टिंग में भी ठहराव सा आ गया था। तृषा के साथ जुड़े मेरे दिल के रिश्ते ने हमारी ऑन स्क्रीन केमिस्ट्री को भी दमदार बना दिया था। जो थोड़ी बहुत दिक्कत ज़न्नत के साथ के सीन्स में आती. तो वो थोड़ा गरम होने लगी।मैंने उसे अपनी बाँहों में ले लिया और केवल किस करता रहा। तभी स्नेहा ने अपने हाथ से मेरा हाथ पकड़ कर अपनी दूधों पर रख दिया।यह देख कर मेरे तो होश ही उड़ गए। जिंदगी में पहली बार इतनी मुलायम चीज़ हाथ में ली थी। मैं उसे हचक कर दबाने लगा और वो सिसकारियाँ लेने लगी ‘आह.
फिर मैंने उसे गोदी में उठा कर बाथरूम ले गया। वहाँ पहुँचते ही उसने मेरे कपड़े उतारने शुरू किए और मेरा लण्ड हाथ में ले कर उसे बहुत देर तक निहारती रही।फिर बोली- मैं तुम्हें अपनी सबसे कीमती चीज़ देने जा रही हूँ.
दोस्तो, मेरा नाम मनोज है, मैं इलाहाबाद में रहता हूँ। इस घटना के समय मैं 23 साल का था।इंटर के बाद मैं एक जनरल स्टोर पर काम करने लगा था। एक बार SSC स्टोरकीपर का फार्म भरा और पेपर देने गोरखपुर गया।पेपर देकर वापिस आने के लिये इलाहाबाद का टिकट कटाया और प्लेटफॉर्म पर ट्रेन का इन्तजार करने लगा।एक ट्रेन आधे घंटे बाद आई. मैं दुखी तो था पर मैं उससे कैसे पूछू मुझे समझ में ही नहीं आ रहा था।दीप्ति अभी भी रो रही थी। हमने रिपोर्ट ली और वापस आने लगे. दो मिनट में उसके लौड़े ने वीर्य की धार ममता के गले में मारनी शुरू कर दी।ममता ने जीभ से चाट-चाट कर पूरा लौड़ा साफ कर दिया.
बीएफ 3x वीडियो फिर बोलीं- लाओ अब इस पर दवाई भी लगा देती हूँ।अब वे फ्रिज में रखी हुई शहद की बोतल निकाल लाईं और ढेर सारा शहद अपने हाथों में लेकर. मैंने हा कर दिया।फिर थोड़ी देर बाद हमने शॉपिंग करने का फ़ैसला किया और हम निकल गये।एक मॉल में जाकर उसने मेरे लिए लेगिंग, जीन्स, कुरती, टॉप्स, 2 ड्रेस, 2 जोड़ी सॅंडल, पैंटी ब्रा सेट सब खरीद लिए। जब हम लौट रहे थे तो उसने कहा- मेरे लिए एक काम कर श्रुति। हॉर्मोन्स की गोलियाँ लेना शुरू कर दे.
जिसने रास्ते भर मेरा ध्यान भंग किया था।मैंने ब्रेक मारा तो उसकी भी जैसे तंद्रा भंग हुई और उसने अपने हाथों को काबू में कर लिया।मैं बाइक से नीचे उतरा. आज पीने का मन हो रहा है।तृषा- ठीक है। यही पास एक रेस्ट्रोबार है। हम वहीं चलते हैं।मैं- मैं तो तुम्हारी निगाहों के जाम की बात कर रहा था और तुम यह समझ बैठी। खैर. मैं शादीशुदा औरत हूँ और अगर मेरे पति को पता चल गया तो मेरा क्या होगा?मैंने कहा- मैं आपसे प्यार करता हूँ आपको कुछ नहीं होने दूँगा।वो खुश हो गई और फिर मैंने गाड़ी रोड के किनारे पर लगाई और उसे अपनी बाँहों में ले लिया। तो जैसे कि उसके अन्दर आग लगी हो.
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मान जाओ।वो ये कहते हुए मेरे गले से लग गई और रोने लगी।मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि जिसे मैं प्यार करता हूँ. मुझे नहीं करना।पर मैंने उसके मुँह में अपना मुँह लगा दिया और धीरे-धीरे उसकी चूत चोदने लगा।थोड़ी देर में उसे दर्द का अहसास जाता रहा और अब उसे भी मजा आने लगा, वो भी नीचे से अपने चूतड़ों को उछाल कर मेरा साथ देने लगी।इसी तरह 30 मिनट के बाद मेरा छूटने वाला था सो मैंने रफ्तार बढ़ा दी। इस दौरान वो 2 बार झड़ चुकी थी. आज तो वाकयी मुझे जन्नत मिलने वाली है।पर अगले ही क्षण मेरी सोच को झटका सा लगा… दोस्तों उस समय हम बस में जो थे और वीडियो भी बन्द हो गया था। अब उसकी हल्की सी भी चीख सबको चौकन्ना कर सकती थी।अब मैंने अपने शक का निवारण करना ज्यादा जरूरी समझा इसलिए चालू से पूछा- चालू क्या तुमने पहले भी कभी किया है?शुरू- क्या.
पर मैंने अपने जज्बातों पर काबू किया और हम दोनों सीधे मेरे घर पर आ गए।कमरे में आने के बाद हमने कॉफ़ी पी। इसी बीच मैंने लैपटॉप पर एक सनी लियोने Sunny Leone की चुदाई वाली पोर्न-फिल्म Porn Film चला दी।मैं और मेरा लण्ड तो पहले से ही तैयार थे. उसने अपनी मम्मी की बात एक सहेली से करवाई थी।उस सहेली को पता था कि वो रात को मेरे साथ रहेगी इसीलिए उसके घरवालों ने भी ‘हाँ’ कर दी।रात के 8 बजे वो अपने घर से फ्रेंड के घर जाने के बहाने निकल गई और मेरे घर आ गई।हम दोनों बहुत खुश थे.
वो आज भी मुझे उतना ही चाहती है।निशा- तुम्हें कुछ भी नहीं कहा उसने?मैं- तुम किस बारे में बात कर रही हो?श्वेता- कल कुछ ख़ास लोगों को एक पार्टी दी गई थी। तृषा ने वो पार्टी होस्ट की थी.
इसके बाद क्या हुआ क्या चाची ने मुझे चूत चुदाई के लिए उकसाया या आंटी सिर्फ प्यार की भूखी निकलीं। अगले भाग में आपको इसका आनन्द मिलेगा।दोस्तो,. तो मैंने एक डब्बा ‘कोहिनूर एक्सट्रा टाइम’ वाला कंडोम का ले लिया था। यह सेफ्टी के लिए आवश्यक था।फिर जब रात हुई. ठीक वैसे ही जैसा पहले हुआ था। मैं इस बार उसे देख न पाया और वहीं घुटनों पे आ गया।तृषा- मैंने अपना सपना जी लिया है। अब मुझे कुछ भी नहीं चाहये। बस तुम खुश रहना।वो ते कह कर वैसे ही दरवाज़े के बाहर निकल गई। मैं अब तक सदमे में ही था।तभी निशा कमरे से बाहर आई।निशा- क्या हुआ तुम्हें.
तो तुम्हें यहाँ बुला सकती हूँ।मैंने उसे अपने दिल की बात बतलाई कि मैं उससे प्यार करने लगा था। उसने पता नहीं क्यों. तो मैंने बाबूजी की ओर देखा।बाबूजी की नजर मेरे मम्मों को देख रही थी।मुझे याद आया कि मैं गाऊन के बटन लगाना भूल गई थी।बाबूजी ने मेरी ओर देखा तो मैं लजा कर अन्दर रसोई में चली गई।बाबूजी ने कहा- मैं बाहर घूमकर आता हूँ. क्योंकि उसकी चूत अभी तक अनचुदी थी।दोस्तों कुँवारी चूत का अपना अलग ही मज़ा है।मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और एक और ज़ोरदार धक्का लगाया।अब मेरा पूरा लण्ड उसको चूत में समा गया। उसकी आँखों से आंसू निकल रहे थे.
मगर भाभी ने मेरी तरफ देखा और मुस्कुरा कर डान्स फ्लोर से नीचे उतर कर ननद को लेकर अपने घर चली गईं।उस दिन मुझे बहुत बुरा महसूस हुआ और अब मैं भाभी से माफी माँगने के लिए उनसे बात करने का मौका ढूँढने लगा।दो दिन बाद भाभी खुद किसी काम से हमारे घर आईं.
देसी गर्ल की बीएफ: अजीब-अजीब सी बातें करता है।फिर माँ और दीप्ति एक-दूसरे से बातें करने लगे।यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !शाम को दीप्ति के घर से चिल्लाने की आवाज आ रही थी। मैंने देखा. तो ये मेरे दूसरे अंगों को निशाना बनाने लगे।एक ने जहाँ मुझे अपने होंठों के ऊपर बिठा लिया और मेरी गांड चाटने लगा। वहीं दूसरा मेरी चूत से अटखेलियां करने लगा। तीसरे ने फटाक से अपना लंड मेरे मुँह में घुसेड़ मारा और मुँह की चुदाई चालू कर दी और चौथे का लंड पकड़ कर मैं हिलाने लगी।इन कमीने काले सांडों ने मुझे एक सेकंड के लिए भी अकेले नहीं छोड़ा.
2000 और दो मैं सीट दे देता हूँ।मैंने पैसे दे दिए।उसने मुझे एक रसीद और बर्थ का नंबर लिख कर दे दिया। फिर वो दूसरी बोगी में चला गया।मैं सामने की बेसिन में अपना चेहरा धोने लगा।तभी मेरी नज़र शीशे पर गई. जैसे मानो कोई बच्चा लॉलीपॉप चूस रहा हो।करीब 15 मिनट की चुसाई के बाद वो खड़ी हुई और बिस्तर पर लेट गई।अब मैं उठा और रजनी की चूत में अपना लंड डालने लगा।रजनी की पहली बार चुदाई हो रही थी. मैंने अपना अंडरवीयर पूरा उतारा, उसके दोनों पैर अपने कन्धों पर रखे और अपने लण्ड का सुपारा उसकी चूत पर रखा और रगड़ने लगा, और फिर एक ही झटके में अपना आधा से ज़्यादा लण्ड उसकी चूत में घुसा दिया।उसकी चूत फट चुकी थी और उसमें से खून निकालने लगा। वो चिल्लाना चाहती थी लेकिन मैंने उसके होठों को अपने होठों से बंद कर दिया.
वो दो दिन का कह कर आई थी। मुझे नहीं मालूम था कि वो मेरे साथ दो दिन बिताना चाहेगी।जब मैंने उससे अपने वापसी के टिकट के बारे में बताया तो वो कुछ उदास हो गई। फिर मैंने अपना प्रोग्राम बदल दिया और वापसी का दिन एक दिन आगे सरका दिया।पूरे दो दिन तक हम दोनों ने तरह तरह से चुदाई का आनन्द लिया.
ममता ने लौड़े को चूसना शुरू कर दिया जल्दी ही लौड़ा खड़ा भी हो गया, अब ममता की शर्म भी खुल गई थी, वो भी सरजू को बोलने लगी थी।ममता- मेरे स्वामी. जब मैं बारहवीं में पढ़ रहा था।उस वक्त मेरे दोस्त को किसी लड़की ने प्रपोज़ किया। दो दिन बाद मेरे दोस्त के साथ उसे उपहार देने गया। तब उधर मुझे एक लड़की नजर आई। मुझे वो पहली नजर में ही बहुत पसन्द आ गई. तभी सारी कसर निकाल लूँगा।मेरे अन्दर इस रिजल्ट को लेकर एक घबराहट सी भी थी। मैंने विज्ञान का विषय चुना था.
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