खेसारी लाल यादव का बीएफ
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सेक्सी मार्केट: खेसारी लाल यादव का बीएफ, शाम को फैजान घर वापिस आया तो उसके हाथ में एक शॉपिंग बैग था। जिसे उसके हाथ में देख कर ही मेरे चेहरे पर मुस्कान फैल गई। लेकिन मैंने अपनी मुस्कराहट फैजान से छुपा ली।अपने कमरे में आकर फैजान ने मुझे वो शॉपिंग बैग दिया और बोला- यह ले आया हूँ.
हिनदी सेकसीअब मैं उसके साथ डबल गेम खेलूँगा। तुम दोनों बस देखते जाओ।वो तीनों काफ़ी देर पीते रहे और बस ऐसे ही बातें करते रहे। उसके बाद इधर-उधर लेट गए और नींद की गहराइयों में कहीं गुम हो गए।दोस्तो, सुबह के 9 बजे मुनिया की जब आँख खुली. डब्ल्यू डब्ल्यू डब्ल्यू सेक्स वीडियोउसने मना कर दिया।उसका मूड खराब हो गया था। उसने अपने दोस्त को भी आने को मना कर दिया। वह बड़ी परेशान नजर आ रही थी क्योंकि आज कमरा ना होने के कारण उसकी चुदाई रुक गई थी। वह दीदी से पहले दिन में जल्दी इसी लिए आती थी ताकि दीदी के आने से पहले वह दोस्त से अपनी प्यास बुझा सके।मीरा- राज, तुम्हें मेरी वजह से परेशानी हो रही है।मैंने कहा- अरे नहीं. मैं अभी डाल कर लाई।मैं उन दोनों बहन-भाई के दरम्यान से उठ गई और फिर रसोई में आ गई।वहाँ से मैंने देखा कि फैजान ने थोड़ा सा सरकते हुए जाहिरा के कन्धों पर गर्दन से पीछे बाज़ू डाल कर अपना हाथ रखा और फिर उसके कन्धों को सहलाते हुए बोला- और सुनाओ जाहिरा. सेक्सी पिक्चर हिंदी में मूवी’ की आवाज़ कर रहा था।अब मैं थोड़ी देर तक ही उन्हें और चोद पाया और उसके बाद मेरे लंड ने अपने पानी को चूत में छोड़ना शुरू कर दिया।शायद एक मिनट तक मैं रुक-रुक कर मम्मी की चूत में अपने पानी की धार मारता रहा. |
माँ मुझे और मेरे लंड को देख कर धीरे-धीरे हँस रही थीं।जब मैंने खाना खा लिया तो माँ बोलीं- अब तू जाकर आराम कर.खेसारी लाल यादव का बीएफ: मैं अपने लंड को उसके चेहरे के पास ले गया और उससे अपना मुँह घुमाने के लिए कहा। जब उसने अपना मुँह मेरी तरफ़ घुमाया. |
यहाँ का माहौल तो बहुत गर्म हो गया और यह बीच में कौन आ गया। मगर देखो मैंने सीन को रोका नहीं और पुनीत को ठंडा करवा दिया ना.हम थोड़ा घूम कर आते हैं।हॉस्टल में रात को सभी लड़कियाँ खाना खाने के बाद अपने कमरों में बैठी बातें कर रही थीं।पूजा- अरे यार तू दिखने में तो बड़ी स्टाइलिश है. फिल्म क्रोधी - खेसारी लाल यादव का बीएफपर मैं कुछ नहीं बोला।माँ थोड़ी देर बैठने के बाद काम करने चली गईं और मैं नहाने चला गया। नहाते वक़्त मैं सोच रहा था की अब तो बस चुदाई बंद ही करनी पड़ेगी। लंड को देख कर मुझे रोना आ रहा था।तभी मुझे एक आइडिया आया कि क्यों ना माँ को ही लंड दिखा कर उनसे इलाज़ पूछा जाए और हो सकता है इसी बहाने माँ मुझे दिन में भी खुल जाएं।मैं तौलिया लपेटे बाहर निकला और कमरे में जा कर माँ को आवाज़ दी.मुझे जेरोम ने बिस्तर पर लेटा दिया और मेरी एक टांग उठा कर अपने कंधे पर रख ली। फिर धीरे से अपने लंड के टोपे को मेरी चूत में लगा दिया. |
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क्योंकि माँ-पापा के आने का टाइम हो गया था और जल्दी से घर को ठीक किया।दोनों बहनों ने मिलकर नाश्ता बनाया और हम नाश्ता करने बैठ गए।मैं- कैसा लगा आज?सोनाली और सुरभि- मजा आ गया.
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तो मैं समझ गया कि अब उसे भी मज़ा आ रहा है।तो मैंने लौड़े के टोपे को अन्दर छोड़कर पूरे लंड बाहर निकाला और फिर मैं उसे अन्दर-बाहर करने लगा. उन्होंने पैन्टी भी नहीं पहनी हुई थी। वो अपनी बुर में भी साबुन लगाकर साफ़ कर रही थीं।यह देख कर मेरा लण्ड तन गया था और सम्भल नहीं पा रहा था। मैं सोचने लगा कि कैसे मॉम के बदन से लिपटूं. मैंने एक जोरदार धक्का दिया और मेरा पूरा का पूरा लण्ड उसकी चूत को फाड़ते हुए घुस गया। वो दर्द से कराह उठी.
अब वो गर्म हो चुकी थी। मैंने अपनी पैन्ट निकाली और नंगा हो गया।वो बोली- ये क्या कर रहे हो?मैं बोला- चूत के अन्दर का इलाज करूँगा. मुझे तुम दोनों से कुछ चाहिए।तो दोनों हँसने लगीं और चली गईं।एक सप्ताह के बाद उनके मम्मी-पापा शादी में जा रहे थे. फिर मैंने लैपटॉप चालू किया।प्रियंका मेरे बाएँ और मुस्कान दाएँ बैठ गई। फिर मैंने बताना आरंभ किया और उनसे बारी-बारी से माउस चलाने को कहा।तो मुस्कान बोली- भैया माउस से तो एरो भागता ही नहीं है।प्रियंका भी बोली- हाँ.
क्या कर रहे हैं?जाहिरा बोली- आ रहे हैं वो बस अभी आते हैं।वो मेरे सवाल का जवाब देने में घबरा रही थी। फिर वो आहिस्ता से बोली- भाभी आपने मेरी ब्रा वहीं बिस्तर पर ही फेंक दी थी क्या?मैं- ओह हाँ. उसने रॉनी को स्पीड और तेज़ करने को कहा।दोस्तो, इनको घर जाने की बहुत जल्दी है और शायद आपको भी तो चलो इनसे पहले मैं आपको वहाँ ले जाती हूँ ताकि उस घर में रहने वाले लोगों को आप जान लो और कहानी को समझ सको।पुनीत के पापा संजय खन्ना का इंट्रो मैंने शुरू में दे दिया था. तो आज इसका उद्घाटन मुझे ही करना होगा और तुम्हें सीखना भी होगा कि चोदते कैसे हैं।हालाँकि मुझे चुदाई का ज्ञान पहले से ही है.
आने वाला गुस्से से लाल-पीला था।मैंने तुरन्त ही दरवाजे को बन्द किया और अन्दर आकर खड़ा हो गया।तभी एक चीखती हुई आवाज आई- तो तुम लोग यहाँ ये करने आए हो. उसके मुँह से निकलने वाली सीत्कार मुझे बहुत ही मीठी लग रही थीं।कुछ देर ऐसा करने के बाद मैं फिर ऊपर चूचियों की तरफ़ बढ़ने लगा और ब्लाउज के ऊपर से ही चूचियों को काटने-खाने लगा।फिर मैंने हाथ को पीछे किया और ब्लाउज की डोर को खोलने ही वाला था कि उसने मेरा हाथ पकड़ लिया।सोनिया- नहीं.
तो अचानक से जाहिरा मेरे कमरे में आ गई, वो अभी भी उसी सुबह वाले ड्रेस में थी।उसे देखते साथ ही एक बार फिर से मेरी आँखें चमक उठीं।मैंने जल्दी से उस फिल्म को बन्द कर दिया। जाहिरा मेरे पास बिस्तर पर आ गई और मेरे पास बैठती हुई बोली।जाहिरा- भाभी क्या देख रही थी लैपटॉप पर?मैं- कुछ नहीं यार.
इससे पहले कि वो चेंज करने के लिए वापिस जाती।फैजान ने पिज़्जा का बॉक्स खोला और बोला- चलो आ जाओ जल्दी से ले लो.
ताकि अगली बार जब वह आए तो मुझसे शरमाए नहीं।इस बार तो मैंने उसकी दीदी की चूत से ही अपने लण्ड का काम चलाया।अगले दिन वो वापस चली गई व ठीक 10 दिन बाद फिर आ गई. मेरे दोनों हाथ माँ के नंगे पेट पर थे।माँ बोलीं- अच्छा मुझे मस्का लगा रहा है।तो मैं हँसने लगा और धीरे-धीरे अपना हाथ माँ के पेट सहलाते हुए निचले हिस्से की ओर ले जाने लगा।माँ की साँसें तेज़ चल रही थीं पर वे कुछ बोली नहीं. आप बेफिकर होकर कुछ भी करे।तब उसने दरवाज़ा बंद किया और दोनों एकसाथ बैठ गए और मैं उधर कुर्सी पर बैठ गया।वो दोनों आपस में चुम्बन करने लगे.
और वो दोनों मेरे होंठों को चुम्बन भी करती रहीं।यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !कुछ देर वैसा चलने के बाद सोनाली ने दीदी की चूचियों को पकड़ लिया और दबाने लगी। तो दीदी भी कौन सा पीछे रहने वाली थी. तो मुस्कान ने झट से मेरा लंड मुँह में ले लिया और चूसने लगी। फिर प्रियंका भी धीरे-धीरे मेरा लौड़ा चूसने लगी। दोनों बहनें एक साथ मेरा लंड लॉलीपॉप के जैसे चूस रही थीं।मुझे जन्नत का एहसास हो रहा था क्योंकि मेरा लंड दो-दो गुलाबी मखमली जैसे होंठों में अन्दर-बाहर हो रहा था।मैंने सोचा कि पहले प्रियंका को ठंडा कर दूँ. मैंने जाहिरा की ब्रेजियर की हुक को पकड़ा और उसकी ब्रेजियर को खोल दिया।इससे पहले कि वो कोई मज़ाहमत करती या मुझे रोकती.
जिसमें सन्नी ने दोबारा गोली मिला दी थी।खाने के बाद वो बुलबुल के सामने जाकर रुक गए।पुनीत- चलो भाई रॉनी जो काम अधूरा है.
अब गाण्ड फट गई क्या उसकी?आप तो बस जल्दी से मुझे अपनी प्यारी-प्यारी ईमेल लिखो और मुझे बताओ कि आपको मेरी कहानी कैसी लग रही है।कहानी जारी है।[emailprotected]. मगर फिर भी कोई लड़की अपने ब्वॉय-फ्रेण्ड के सामने सब कैसे करती होगी?विवेक- अरे आजकल लड़की को पटा कर लड़का पहले चोद कर उस लड़की को लौड़े की आदी बनाता है. पूजा और रानी साथ एक कमरे में रहती हैं और रोज ‘लेस्बीयन’ करती हैं।उधर पायल अपनी फ्रेण्ड टीना के साथ दूसरे कमरे में रहती थी.
’तभी मैंने उसके सारे कपड़े उतार दिए और बिस्तर पर लेटा दिया और उसके ऊपर आकर उसकी चूत में लंड डालने लगा।तो वो बोली- नहीं. फिर हमने पी और वो नाश्ता तैयार करने लगी और मैं नहाने चला गया।वो और मैं भी घर में सिर्फ़ जॉकी डाल घूमने लगे। हमने साथ में नाश्ता किया और फिर वो घर का काम करने लगी और मैं कमरे में चला गया।वो तीन घंटे बाद मेरे कमरे में आई वो अभी भी सिर्फ़ तौलिये में ही थी, वो आकर बोली- और जानू. दुपट्टा लिए होने के बावजूद उसकी खुली पीठ को मैं देख सकता था और टाइट कपड़ों की वजह से उसके चूतड़ों का आकार भी मैं महसूस कर सकता था।यह देखकर मेरा लिंग खड़ा होने लगा.
मैं उससे बोला- कितने दिन हो गए चुदवाए बिना?वो बोली- तीन महीने से सूखी हूँ।थोड़ी देर मैंने उससे बोला- अपने हुस्न के दीदार कराओ मेरी जान.
जहाँ कोई आता नहीं था। वहाँ अशरफ आ गया। शामली ने उसको मेरे पास बैठा दिया और बोली- अशरफ जब से तुम इसको मिले हो. दिन को चलेंगे।फ़िल्म देखने की तो मेरी भी इच्छा थी मगर मैं अमित की वजह से मना कर रही थी।अमित- दीदी चलो ना.
खेसारी लाल यादव का बीएफ सोनिया- हाहहहाहा हा हा इतना घूर के क्या देख रहे थे?मैं- आपको देख कर मैं पहचान ही नहीं पाया।सोनिया- ऐसा क्यों?मैं- अरे आप बहुत खूबसूरत जो हो गई हैं।सोनिया- मेरे घर में मुझसे ही फ्लर्टिंग?मैं- क्या करूँ खूबसूरत लड़की को देख कर अन्दर से निकलने लगता है।सोनिया- सूर्या को बताऊँ क्या?मैं- बताना क्या है. तो मैंने भी जल्दी से उनसे कमरे की बात पक्की कर ली और वहाँ शिफ्ट हो गया।मैं आपको भाभी की खूबसूरत जवानी से भी रूबरू करवा देता हूँ.
खेसारी लाल यादव का बीएफ उसकी गाण्ड पर रख दिया।राहुल ने उसे उसकी पैन्टी के साथ-साथ पूरे कपड़े पहना दिया और दोनों लोग अपने घर के लिए चल दिए। रेशमा लंगड़ा-लंगड़ा कर चल रही थी. जिसको वो गटक गई।राहुल पर एक तो नशा सवार था और दूसरा नींद की गोली भी असर कर रही थी, थोड़ी देर बाद वो नींद के आगोश में था।मैंने राहुल को गोद में उठाया और अपने बेडरूम में लिटा आया।उसके बाद रेशमा के कहने पर मैं और रेशमा शावर के नीचे नहाए.
मैंने उससे कहा- ओके डार्लिंग आज मैं तुम्हें पूरी तरह से संतुष्ट कर दूँगा।वो मुझसे लिपट गई।मैंने कहा- पहले मैं तुम्हारी मसाज करूँगा उसके बाद सेक्स.
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फैजान ने अपनी बहन के चेहरे की तरफ देखा और फिर फ़ौरन से ही मेरे चेहरे की तरफ देखने लगा कि यह क्या हो रहा है।मैं धीरे से मुस्कुराई और बोली- डोंट वरी डार्लिंग. मुझसे पराई कभी नहीं हो सकती।’ कहकर मैंने उसके दोनों मम्मे पकड़ लिए और उसके गालों को चूमने लगा।उसने ज्यादा विरोध नहीं किया और मुझे अपनी मनमानी करने दी।‘अब हटो ना. उन्होंने अपने दूसरे हाथ से मेरा सर पकड़ कर अपनी चूची पर लगा दिया।एक तरफ मेरी छोटी बहन और दूसरी तरफ मैं.
उसने अपना हाथ मेरे लोअर में डाल कर मेरे लौड़े को पकड़ लिया और उससे खेलने लगी।मैंने भी कोई कसर ना दिखाते हुए धीरे-धीरे उसके ऊपर के सूट के बटन खोलने लगा और भी पूरा उतार दिया।अब वो बस ब्रा में थी. मेरे होंठों से उसके होंठों की कुश्ती जारी थी।मैंने इसी तरह लेटे हुए उसकी बुर को नंगा कर दिया और चूत के छेद में खड़ा और अकड़ा हुआ लंड डालने की कोशिश करने लगा. मैं समझ गया कि अब दोनों को चुदने का मन हो रहा है और मेरे लंड महाराज भी खड़े होकर अपनी मर्ज़ी बता चुके थे।मैंने दीदी को उठा कर अपने ऊपर खींच लिया और वो मेरे लंड कर बैठ गईं। मेरा लंड थोड़ी सी मेहनत से ही सही लेकिन अन्दर जड़ तक घुसता चला गया और वो भी लण्ड को लीलने के बाद झटके मारने लगी।इधर सोनाली अपनी गाण्ड मेरे मुँह के सामने हिलाने लगी। कुछ देर ऐसा करने के बाद दीदी लंड पर से हटी.
तुम गेट लगा लो। फिर मैं सबको बढ़िया चाय पिलाती हूँ।अंजलि दूध लेने चली गई और मैं गेट लगाकर रश्मि के पास आया.
पर माँ ने कोई हरकत नहीं की। फिर मैं अपना हाथ उनकी गाण्ड के छेद से धीरे-धीरे आगे की ओर करने लगा, पर माँ की दोनों जाँघें आपस में सटी हुई थीं. पर मेरा अभी नहीं हुआ था।मैं अब भी तेज-तेज धक्के मार रहा था। वो फिर गरम हो गई और इस तरह वो अब तक 3 बार झड़ चुकी थी।अब मैं भी चरम सीमा पर था. मैंने लण्ड को कुछ देर वैसे ही चूत में पड़ा रहने दिया और उसके मम्मों को दबाने लगा।थोड़ी देर के बाद उसने कहा- अब धीरे-धीरे करो।फिर मैंने धीरे-धीरे झटके लगाने शुरू किए।‘आहह.
मुझे और चोदो।मैंने अपनी बीवी की चूत में अपनी मुँह लगा दिया और उसे चूसने लगा।मेरी बीवी सिसियाती हुई बोल रही थी- आह्ह. ना?अब तक मैंने भाभी की कमर में हाथ डालकर उन्हें खुद से सटा लिया था।सलहज- आपसे बोलने में तो मेरी आफत आ जाएगी। दीदी तो वैसे ही कहती रहती हैं कि ये मेरे पति पर डोरे डालती है।ये सुन कर मैं समझ गया कि अब रास्ता साफ़ है।मैंने गुस्सा दिखाते हुए- अच्छा ऐसा कहा. मेरा लंड आशू की चूत के दरवाजे पर दस्तक दे रहा था, आशू ने चूत को अपने दोनों हाथों से खोल दिया और मैंने धीरे से आशू की चूत में अपना लंबा लंड डालना शुरू कर दिया।काफी दिनों से आशू की चुदाई नहीं हुई थी.
पहले मैंने तेल नहीं लिया और फिर से एक ट्राई करने लगा। इस बार मैंनेएक कस के झटका मारा और मेरा लंड थोड़ा सा उसकी चूत में घुस गया. और हस्तमैथुन प्रयोग सीख कर उसके उपचार से खुद को शांत करने लगी।पिताजी ने इस बेरंग शादी को अपनी नाकामयाबी के क़िस्सों में एक और किस्सा बनाकर अपना मुँह मोड़ लिया।दोनों बहनें बच्चों की परवरिश में मग्न मुझसे दूर हो गईं। माँ भी क्या करती.
मैं अपनी बीवी से बहुत प्यार करता हूँ और हमने अपनी शादीशुदा जिन्दगी में खूब सेक्स किया है लेकिन कभी अपनी बीवी की चूत नहीं चाटी है. बस थोड़ी देर बाद मेरे लंड से पिचकारी निकल गई और मैंने कविता की बुर को भर दिया। कविता भी एकदम से तड़प उठी और मुझे अपने सीने से भींच लिया।उसकी बुर का दबाव मेरे लंड पर बढ़ गया. वो औंधी लेट गई। फिर मैंने अलमारी मे से तेल की बोतल निकाली और थोड़ा सा तेल अपने हाथों में ले कर उसके ऊपर चढ़ गया। मैंने उसकी पीठ पर मसाज करना शुरू कर दिया। पीठ के बाद पैरों की मालिश की और फिर उसे सीधा लेटने को कहा।वो सीधी हो गई.
चूतड़ों के नीचे गोरी सेक्सी टाँगों का तो कोई जबाब ही नहीं था। सीधी बात कहूँ तो कोई अगर देखे तो उसका लंड क्या.
तब तक मेरे लंड का पानी माँ की बुर में पूरा खाली हो चुका था और लंड निकालते वक़्त वीर्य की गाढ़ी धार माँ के गाण्ड के छेद पर बहने लगी।यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !मुझे लगा अब तो मैं माँ से पक्का पिटूंगा। मैं डर के मारे जल्दी से शॉर्ट्स पहन कर सो गया. हम थोड़ा घूम कर आते हैं।हॉस्टल में रात को सभी लड़कियाँ खाना खाने के बाद अपने कमरों में बैठी बातें कर रही थीं।पूजा- अरे यार तू दिखने में तो बड़ी स्टाइलिश है. और पापा भी सुबह आएंगे।मेंने उसको पकड़ा और पास वाले बिस्तर पर लेटा लिया।मैंने एक और बार पक्का करने के लिए उसकी आंटी की तरफ देखा.
आह’ की आवाजें निकल रही थीं।मैंने अपनी जीभ माँ की बुर में डाल दी और उन्हें तेज़ी से अन्दर-बाहर करने लगा। उनकी बुर का सारा नमकीन पानी मेरे मुँह में भर गया. बरसाती में एक हल्की सी रोशनी देने वाली ढिबरी (दीपक) जल रही थी।मैंने देखा कि सारे लोग सो चुके हैं। मैं खुद के लेटने की जगह ढूंढ रहा था.
मानो उसका पूरा हाथ ही अपनी चूत में समा लेना चाहती हो।आधी से अधिक रात बीत चुकी थी, उस औरत की साँसें उखड़ने लगी थीं, तब कोका ने बहुत ही शान्ति के साथ उसकी योनि में अपना लिंग प्रवेश किया।वह ताबड़तोड़ चुदाई के मूड में कतई न था। वह लंड को घुमा-फिरा कर उसकी चूत के अन्दर की हर जगह को छू रहा था. अब मैं भी मजे में आ गई थी।कुछ देर मजा लेने के बाद उसने कहा- तेरी गाण्ड भी मारनी है।मैंने डर कर कहा- नहीं. अब आप बैठो मैं कुछ चाय नाश्ता लाती हूँ।” वो बोली और पायल छनकाती हुई भीतर चली गई।तभी मुझे सामने के मुख्य दरवाजे से भाभीजी आती दिखाई दीं.
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उनका ‘सामान’ ठीक तरह ‘काम’ के मतलब का ही नहीं रह गया है।वे यह बोल कर मेरे कंधे पे सर रख के रोने लगीं।मैंने उनको सांत्वना देते हुए बोला- मामी सब ठीक हो जाएगा।मामी बोलीं- कुछ ठीक नहीं होगा.
उधर उसकी ननद आई हुई थी।उसने रात को फोन करके कहा- तुम आ जाओ।मैं उसके घर गया तो उसने काले रंग का जालीदार गाउन पहना था. दोनों बहनें अपनी सुहागरात और गृहस्थ जीवन के रंगीन अनुभवों के रहस्य मेरे साथ बाँटती थीं।मैं उस लड़के के बारे में नहीं जानती थी। शादी तुरत-फुरत पक्की हो गई। माँ भी थोड़े ही मना करने वाली थीं. तो मुस्कुराने लगी।मैं एकदम से डर गया और मैंने पूछा- तुम अन्दर कैसे आईं और क्यों हँस रही हो?तो वो कुछ नहीं बोली.
मैंने अपनी बीवी से कहा- तुम्हारी इस सहेली को पहले कभी नहीं देखा और यह हमारी शादी में भी नहीं आई थी।वो बोली- जिस दिन हमारी शादी थी. तो खामोशी से जाहिरा ने अपने बाज़ू ऊपर कर दिए। मैंने उसके टॉप को उतार कर बिस्तर पर फैंका और अब जाहिरा मेरी नज़रों के सामने अपनी ऊपरी बदन से बिल्कुल नंगी खड़ी थी।मैंने जैसे ही उसकी चूचियों को नंगी देखा तो एक बार फिर आहिस्ता-आहिस्ता उसकी चूचियों को सहलाने लगी। मैंने उसकी चूचियों को अपनी मुठ्ठी में भर लिया और आहिस्ता-आहिस्ता उनको सहलाते हुए अपने होंठ उसके होंठों की तरफ बढ़ाए. मोटू पतलू की कहानी मोटू पतलू की कहानीपर उनकी गाण्ड का छेद बुर के छेद से काफ़ी तंग था।थोड़ी कोशिश करने पर सुपारा तो अन्दर घुस गया पर मैं लंड पूरा अन्दर नहीं डाल पा रहा था.
तो मैडम अन्दर आ गईं और मुझे इस हालत में देख कर मुस्कुराकर चली गईं।उस वक़्त मेरा लंड अपने पूरे जोश में था। आज मैंने ठान लिया था कि आज तो मैडम की चूत के दर्शन करके ही रहूँगा।मैंने कपड़े बदले और हॉल में आकर बैठ गया। मैडम मेरे लिए चाय ले आईं।मैडम ने गाउन पहना था. अहह उम्म्माआ आईईई…फिर मैंने एक और जोरदार झटके से लंड को पूरा चूत की जड़ तक अन्दर डाल दिया। तो उसकी आँखों से आँसू आ गए और वो और जोर से चिल्लाने लगी- आईएईईईई.
क्यों क्या हुआ है उसे?आप सब इस कहानी के बारे में अपने ख्यालात इस कहानी के सम्पादक की ईमेल तक भेज सकते हैं।अभी वाकिया बदस्तूर है।[emailprotected]. तो मुरली और वैशाली की रात तो मस्ती में ही गुजरती थी। मुरली था मस्त चोदू आदमी, रोज रात में वैशाली की चूत 2 बार मारने के बाद ही सोता था।वैशाली को भी अपनी चूत मरवाने में मजा आता था, देखते-देखते अब वैशाली गर्भवती हुई और अब बच्चा भी हुआ।इतने दिनों घर में रहने के बाद वैशाली अपनी सास की तरह धार्मिक कर्मों में व्यस्त होने लगी। व्रत करना, उपवास करना. तो फ़ौरन से मुझे अपनी बाँहों में दबोच लिया और मुझे चूमना शुरू कर दिया।वो मेरी चूचियों को दबाने और मसलने लगा.
मैं दनादन शॉट पर शॉट मारता रहा और उसकी चूत से कामरस की धारा बहने लगी।मैं कम से कम 25 मिनट तक उसको चोदता रहा, इतनी देर में वो तीन बार पानी छोड़ चुकी थी. मेरा हमेशा ही सेक्स करने को दिल करता है।वो बोली- मन तो मेरा भी बहुत करता है?मैंने लोहा गरम देख कर हथौड़ा मार दिया. बस सोफे पर बैठे अपने भाई के आने का इन्तजार कर रही थी।क्योंकि रात को उसे सोई हुई समझ कर उसका भाई जो जो उसके साथ करता रहा था और जो कुछ अब वो उसकी ब्रेजियर के साथ कर रहा था.
मैं अन्तर्वासना की लगभग हर कहानी पढ़ चुका हूँ और मेरी कहानी भी अन्तर्वासना पर आप सभी सुधि पाठकों के द्वारा पसन्द की जाएगी.
कुछ देर यूँ ही कुछ पल बातचीत हुई और हम दोनों घर चल दिए।उसके बाद हमारी बात होने लगी। हम कभी-कभी मिलते थे. ‘लेकिन माँ ज्यादा तनने के कारण मेरे लंड में अब बहुत खुजली हो रही है।’ मैंने लंड माँ की तरफ बढ़ाते हुए कहा।तो माँ बोलीं- ठीक है.
मुझे शर्म आ रही है।उसने लाइट बंद की और अपने कपड़े उतार कर मेरे पास आ गया। उसने मेरी पैन्टी उतारी और उतारते ही नाईट लैंप जला दिया।मैंने अपना मुँह छुपा लिया. उसने करवट ली हुई थी और अपनी एक टाँग आगे को करके मोड़ी हुई थी। जिसकी वजह से उसकी टांग जाँघों तक नंगी हो रही थी। उसके खूबसूरत चूतड़ बाहर को निकले हुए थे।जैसे ही हम दोनों की नज़र जाहिरा पर पड़ी. मैं सच में बड़ी सेक्सी लगती हूँ।उन दिनों मायके में मोहल्ले के बहुत सारे लड़के मेरे दीवाने थे। आख़िर चंदर से मेरे जिस्म का करारापन कैसे छिपता.
मानो मेरे सर को अपनी चूत में घुसाना चाहती थी मुझे ऐसा लगा।करीब 5 मिनट में ही उसका माल निकल गया, फिर वो थोड़ा रुक गई।मैंने बोला- अभी मेरा नहीं हुआ है. उसने दरवाज़ा पीछे से बंद कर दिया।मैंने भाभी को पीछे से पकड़ लिया और अपना आधा लंड उसकी गांड से लगा दिया. केवल 2-3 बार मुठियाते ही मैंने वीर्य छोड़ दिया और उन दोनों के मुँह में बारी-बारी से गिरा दिया।वे दोनों पूरा का पूरा वीर्य निगल गईं और दोनों ने मेरा लंड बारी-बारी से चाट कर साफ़ कर दिया।दो बार झड़ने से और लगभग सारा वीर्य बाहर निकल जाने से मैं भी थक गया था और मेरा लंड भी सिकुड़ गया।यह देखकर वे दोनों हँसने लगीं.
खेसारी लाल यादव का बीएफ वो तो नज़र भी नहीं मिला रहा था।मैं यूँ ही कॉलेज के बारे में कुछ बातें करने लगी। शरमाते हुए वो कुछ जवाब भी दे रहा था।इसी तरह बातों-बातों मैं उससे पूछ पड़ी- क्या तुम्हारे कॉलेज में लड़कियाँ नहीं पढ़तीं?उसने कहा- पढ़ती हैं. तो बोली- मेरे मुँह में ही झड़ जाओ।मैं अपने लौड़े को उसके मुँह में ले गया और झड़ गया।रेशमा मेरे रस की एक-एक बूँद को गटक गई और फिर अपनी उँगली को बुर के अन्दर डाल कर उसकी मलाई निकाली और अपनी उंगली को मुझे चटाने लगी।वो वापस पॉट पर बैठ गई। मुझे लगा कि वो मेरे लौड़े को चूस कर खड़ा करना चाहती है। मैंने आगे बढ़ कर लौड़े को उसके मुँह से सटा दिया।वो बोली- ये क्या कर रहे हो?मैं बोला- कर क्या रहा हूँ.
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चलो वापस मुनिया के पास जाते हैं।दर्द के मारे मुनिया अभी तक सिसक रही थी और रॉनी उसके पास लेटा हुआ उसके मम्मों को मसल रहा था।मुनिया- आह ईससस्स. तो उसने पूरा ज़ोर लगा कर मेरा सिर दबा कर रखा। इधर नयना मेरी नंगी गाण्ड पर लगातार चांटे लगाए जा रही थी।उसका एकाध चांटा पीछे से मेरी गोटियों पर भी पड़ रहा था. भाभी मेरे सीने पर सिर रख कर लेट गई। हम दोनों को बहुत रिलेक्स महसूस हुआ था। मैंने भाभी का चेहरा हाथों में ले कर उनके सिर पर किस किया और आँखों में देख कर बोला- लव यू जान.
मैंने भी सोचा अब देर नहीं करनी चाहिए, मैं अपना लन्ड उसकी चूत पर रगड़ने लगा, कुछ मिनट बाद मैं अपना लन्ड उसकी चूत में पेलने लगा लेकिन मेरा लन्ड अन्दर नहीं जा रहा था।मैंने थोड़ा ज़ोर लगाया और उसकी चूत में लौड़ा घुसता चला गया। वो चिल्लाने लगी. कल सुबह बात करते हैं।फिर गुड नाइट बोल कर फोन रख दिया।अब मुझे नींद कहाँ आ रही थी। थोड़ी देर बाद देखा तो अभी भी वो whatsapp पर ऑनलाइन थी।तो मैंने ‘हैलो’ भेज दिया. जंगली जानवरों का सेक्स दिखाओफिर मैंने अपने पैंट की चैन खोल कर लंड को बाहर निकाल दिया और अपने पैर को उसकी साड़ी के अन्दर चूत के ऊपर पैन्टी पर रख दिया.
आने वाला गुस्से से लाल-पीला था।मैंने तुरन्त ही दरवाजे को बन्द किया और अन्दर आकर खड़ा हो गया।तभी एक चीखती हुई आवाज आई- तो तुम लोग यहाँ ये करने आए हो.
जब तक या तो माँ मुझसे चुदाई के लिए तैयार ना हो या मुझे डांट नहीं देती।रात को मैं खाना खाकर जल्दी से कमरे में आकर सोने का नाटक करने लगा।थोड़ी देर में माँ भी दीदी के साथ आ गईं, उस दिन माँ बहुत जल्दी काम ख़त्म करके आ गई थीं।खैर. लेकिन इसी के साथ ही फैजान ने उसके ऊपर लेटते हुए उसके होंठों को अपने होंठों में जकड़ लिया और उसे चूसने लगा।पीछे से वो बिल्कुल सख्त था.
और ये कह कर अपनी बुर को हाथों से फैला कर माँ को अपना लाल-लाल छेद दिखाने लगी और वो दोनों हँसने लगे।हम सब इतने उत्तेजित थे कि किसी को कुछ भी होश नहीं था।सिर्फ़ लंड और बुर दिखाई दे रहा था। तभी मैंने सही समय सोच कर उठने का नाटक करते हुए अपनी आँखें खोल दीं और उठने का नाटक करते हुए बैठ गया।मेरे उठते ही माँ ने पूछा- अरे उठ गया बेटा. तो अचानक से जाहिरा मेरे कमरे में आ गई, वो अभी भी उसी सुबह वाले ड्रेस में थी।उसे देखते साथ ही एक बार फिर से मेरी आँखें चमक उठीं।मैंने जल्दी से उस फिल्म को बन्द कर दिया। जाहिरा मेरे पास बिस्तर पर आ गई और मेरे पास बैठती हुई बोली।जाहिरा- भाभी क्या देख रही थी लैपटॉप पर?मैं- कुछ नहीं यार. वो उठे और पीछे से मुझे पकड़ कर मुझे दीवार से सटा कर खड़ा कर दिया। मैंने अपनी गाण्ड पर उनके खड़े लंड को महसूस किया.
दवा बराबर लेती रहना और बाकी के पैसे मुनिया को दे देंगे।सरिता तो 500 रुपये देख कर खुश हो गई।सरिता- अरे बेटा.
तो उसको बिना चुदे अच्छा ही नहीं लगता। कुछ वैसा ही हाल था सुहाना का… वो कुछ बोल तो नहीं पा रही थी लेकिन उसको देख कर मैं सब समझ रहा था।सो मैंने उसकी चूचियों को ज़ोर से दबा दिया और वो भी अपने आपको कंट्रोल नहीं कर पाई और मेरे गले लग गई।उसने झपट कर पैंट के ऊपर से ही मेरे लंड को पकड़ लिया तो मैं कौन सा पीछे रहने वाला था. पुष्पा के पैर मेरी तरफ थे तथा मैं अपने पैर पुष्पा की ओर करके लेटा हुआ था।देखने वालों को लगता कि हम आराम से सो रहे हैं।मेरे पास मेरा अधपका माल था. मैं हैरान रह गई और वहाँ से चली गई लेकिन मेरे आँखों के सामने उसका चेहरा घूमने लगा।लेकिन तभी मुझे मेरे पति की याद आ गई.
सेक्सी video hindiजोकि पिछली चुदाई में नशे में धुत्त होने की वजह से वे पापा से दवा के जोश में चुदना समझ रही थीं।साथियो, आपको यदि मेरी कहानी अच्छी लगी हो. मैं बहुत बुरी तरह उसका लंड चूसने लगी और चूत मैं उंगली करवाने लगी साथ ही चूत चटवाने भी लगी।तभी उस लौंडे ने एकदम मेरा सर पकड़ा और तेज़-तेज़ गले तक लंड धकेल कर वो मेरा मुँह चोदने लगा.
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एक शादी-शुदा लड़की फोन पर बातें करती हुई मुझे दिखी।वो शायद अपनी मम्मी को नई जगह के बारे में बता रही थी. अब वो मेरे सामने सिर्फ पैन्टी में खड़ी थी।मैं उसकी पैन्टी के ऊपर से ही उसकी चूत को सहलाने लगा और बिस्तर पर लेटा कर उसकी पैंटी को उतार दिया, उसके बिना बाल वाले चिकने छेद को देखकर मैं बेकाबू हो गया।यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !मैंने लपक कर उसकी चूत पर मुँह रख दिया और अपने हाथों से उसकी चूत को फैला कर उसके छेद में अपनी जीभ डाल कर उसकी चूत जीभ से चोदने लगा।वो सिसक रही थी- ऊऊ. मगर फिर भी कोई लड़की अपने ब्वॉय-फ्रेण्ड के सामने सब कैसे करती होगी?विवेक- अरे आजकल लड़की को पटा कर लड़का पहले चोद कर उस लड़की को लौड़े की आदी बनाता है.
मैं उतना ही उसको पूरा अन्दर लेकर चूसने की कोशिश करने लगा।मेरा हाथ अब धीरे-धीरे आगे बढ़ने लगा। मैं उसके चूतड़ों को मसलने लगा. तो मेरे पूरे शरीर में करंट आ गया।मैंने उससे अपना लौड़े के ऊपर हाथ आगे-पीछे करने को कहा।वो ऐसा ही करने लगी, मुझे बहुत मज़ा आ रहा था।फिर मैंने सोचा कि साली के हाथ में इतना आनन्द है तो ब्रा में तो क़यामत ही छुपी होगी।मैंने उससे कहा- मजा आ रहा है?‘हाँ. लेकिन इतनी बड़ी चूचियों को देख कर तो सब पागल हो जाते होंगे।सुरभि- हाँ सबसे ज्यादा तो मेरा बॉस ही हमेशा मेरे आगे-पीछे घूमता रहता है।सोनाली- तो मौका दे दो न बेचारे को.
आख़िर वो फ्रेंड कौन निकली और फिर वो 2 दिन क्या क्या हुआ?यह मैं आपको अगली कहानी में बताऊँगा।आशा है आपको मेरी कहानी अच्छी लगी होगी. और मुझे उसकी टाइट चूत की नसें सुकड़ती और फैलती हुई बिल्कुल वाजेह तौर पर महसूस हो रही थीं।जाहिरा की जाँघों को सहलाते हुए मैं आहिस्ता आहिस्ता उसे रिलेक्स करने लगी। उसकी आँखें बंद थीं और साँस तेज चल रही थीं।गोरे-गोरे चूचे. वो सब सोचते ही मेरा लिंग फनफना उठा और मेरा हाथ अनचाहे ही उसे सहलाने लगा।आरती के बारे में सोच-सोच कर जैसे मैं अपने लिंग को सहलाते हुए उसे धीरज बंधा रहा था।‘मादरचोद.
वो दरवाजे पर खड़ी मुझे देखती रहीं।बस उस दिन से मुझे मेरी आंटी से नफ़रत हो गई। मेरे पापा बहुत अच्छे थे. पर मुझे मज़ा आ रहा था।बस 5 मिनट में ही मेरी मुन्नी ने पानी छोड़ दिया और दिव्या ने अपने रूमाल से मेरी मुन्नी को साफ़ किया।उसके बाद बोली- चूत की सफाई नहीं करती है क्या?मैंने कहा- रोज़ तो नहाती हूँ.
5 इंच लंबे और भंयकर काले मोटे थे और उनमें मोटी-मोटी नसें बिल्कुल साफ़ दिख रही थीं। बाकी दो तो 7 इंच के ही रहे होंगे लेकिन वे भी मोटे इतने अधिक थे.
इसीलिए चुदाई का कोई चान्स नहीं था।शाम का खाना खाने के बाद घर में बहुत गप्पें हुईं।मैं अपना बिस्तर बाहर ही लगाता था, सारे लोग आँगन में ही सोते थे।थोड़ी देर बाद पुष्पा मेरे पास आकर लेट गई. गांव सेक्स वीडियोमैंने अपना लण्ड अपनी बीवी के मुँह में दे दिया… उसने सारा माल पी लिया और बोली- मज़ा आ गया।अगले दिन शाम को मैंने अपनी बीवी को बोला- वो आशू की जॉब लग गई है।उसके खुश होकर पूछा- कहाँ?तो मैंने कहा- मेरे ऑफिस में ही. राजस्थानी सेक्सी पिक्चर वीडियो ओपनचूचियों के बीच की दरार भी काफ़ी ज्यादा दिख रही थी।मेरी आधी चूचियाँ तो नंगी दिख रही थी, मैंने वो पहना और बाहर आ गई. लगा दिया लंड को चूत के दरवाजे पर!मैंने ज्यादा देर ना करते हुये एक जोरदार झटके के साथ अपना लण्ड उसकी चूत में घुसा दिया। उसकी जोर से चीख निकल गई.
दोनों सिसकारियाँ ले रहे थे।मैंने सोचा रंग में भंग डालने का यही सही टाइम है।मैं सामने से घूम कर अन्दर आ गया.
तो मैंने भी सोचा कि क्यों ना मैं भी अपनी सेक्स स्टोरी आप लोगों के साथ शेयर करूँ।यह मेरी पहली चुदाई की कहानी है और ये सब अन्तर्वासना पर बताने के लिए मेरे फ्रेण्ड स. ’ वो बोली।अब मेरी हिचक खत्म हो गई थी और शायद उसकी भी खत्म हो गई थ इसलिए वो मुस्कुराते हुए बोली- और कुछ?‘हाँ. जिससे मेरा लंड खड़ा होकर बाहर निकल गया और अपने हाथों को अपनी आँखों पर इस तरह रखा कि मुझे माँ दिखाई दे।थोड़ी ही देर में माँ कमरे में आईं और नाईटी पहन कर पलंग पर आने लगीं और लाइट ऑफ करने के लिए जैसे ही मुड़ीं.
मुझसे पराई कभी नहीं हो सकती।’ कहकर मैंने उसके दोनों मम्मे पकड़ लिए और उसके गालों को चूमने लगा।उसने ज्यादा विरोध नहीं किया और मुझे अपनी मनमानी करने दी।‘अब हटो ना. उसे चूमने लगा और समझाने लगा- पहली बार में तो थोड़ा दर्द होता ही है।हम दोनों 5 मिनट तक इसी अवस्था में पड़े रहे. सुहाना- मेरा एड्रेस है ना आपके पास?मैं- हाँ लक्ष्मी नगर पहुँच कर फोन कर लूँगा।सुहाना- ठीक है।कुछ देर बाद मैंने उसको लक्ष्मीनगर पहुँच कर फोन किया और उसके बताए पते पर पहुँच गया।वो बोली- बस नीचे उतर रही हूँ.
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तभी बिट्टू मेरे ऊपर आ गया और अपना लण्ड मेरे मुँह में पेल दिया और वो मेरी चूचियों से खेलने लगा।सुनील मेरी चूत में दमदार झटके लगा रहा था।‘अह्ह्ह. एक में सेक्स करने के आसनों में लिए गए विदेशी प्रेमियों के सेक्सी नंगे चित्र थे और उनकी हरकतों का संक्षिप्त वर्णन भी लिखा था। ऐसा लग रहा था. वो एक-एक करके बाहर निकलने लगे। सामने ही बैठे हुए फैजान और जाहिरा पर मेरी नज़र पड़ी तो वो भी खुद को जैसे ठीक कर रहे थे। फिर फैजान ने उठ कर पीछे मुझे तलाश करने की कोशिश की.
अब मैंने उसकी टांगें चौड़ी करके बहुत सारा बटर चूत के होंठों में लगा दिया। थोड़ा सा बटर उसकी चूत के 2 इंच अन्दर भी लगा दिया। अब मैंने अपना राकेट उसकी चूत पर लगाया.
लेकिन मुझे मज़ा नहीं आ रहा था।फिर मैंने उसको बिस्तर पर अपने नीचे लिया और उसके दोनों पैर अपने कंधे पर रखे। अब अपना लंड उसकी गांड पर सैट कर दिया और उससे इधर-उधर की बातें करने लगा।जैसे ही उसका ध्यान दूसरी बातों पर गया.
फर्स्ट इयर से ही मैं तुम्हें अपना बनाने के लिए तड़प रही थी और पूरी क्लास में सिर्फ तुम ही सबसे हेंडसम हो। आज मेरी मन्नत पूरी हो गई, तुमने मुझे जो सुख दिया. और अगर देखता ही रहेगा तो साले तू एक नंबर का छक्का होगा।मैंने उसके पास जाकर उसे किस करते हुए कहा- यार शीतल. इंग्लिश सेक्सी वीडियो ऑडियोतो बस में फ़ौरन समझ गया कि ये आप हो।सन्नी- यदि मेरा पर्स चोरी हो गया होता और ये किसी और के पास होता तो?टोनी- नहीं भाई.
मैंने जाहिरा की ब्रेजियर की हुक को पकड़ा और उसकी ब्रेजियर को खोल दिया।इससे पहले कि वो कोई मज़ाहमत करती या मुझे रोकती. अंकल-आंटी और उसकी बेटी।बेटी की शादी हो चुकी थी लेकिन ससुराल में कुछ परेशानी की वजह से वो घर में ही रहती थी। उसका नाम शीतल था और वो बहुत ही खूबसूरत और सेक्सी थी। उसका रंग बहुत ही गोरा था और उम्र 25-26 के लगभग थी। फिगर तो माशाअल्लाह. जल्दी ही उसकी चूत की पकड़ कुछ ढीली हुई और मैं उसे तबियत से चोदने लगा।कुछ ही देर में आरती के मुँह से आनन्द भरी कराहें निकालने लगीं और वो अपनी एड़ियाँ रगड़-रगड़ कर नितम्ब उठा-उठा कर मुझसे लिपटने लगी, वो मुझे अपनी बाहों में भरने लगी।फिर मैंने उसकी चूत के दाने को अपनी झांटों से घिस-घिस कर चोदना शुरू किया.
आपका फिगर भी एकदम क़यामत लगती है।मैं अमित की इस तरह की बातों से बहुत चकित हो गई कि ये क्या बोल रहा है।उतने में अमित का फोन बजा तो वो फोन पर बात करने अपने कमरे के अन्दर चला गया।तब तक भाभी भी चाय लेकर आ गईं, चाय मुझे देकर अमित को आवाज लगाने लगी।अमित भी आकर चाय पीने लगा. वो यह भी नहीं चाह रही थी कि उसके भैया पर मेरी हालत खुले और उसके भाई को पता चले कि मैं भी जाग रही हूँ और इस सूरत ए हाल से वाक़िफ़ हूँ.
क्या कर रहे हैं?जाहिरा बोली- आ रहे हैं वो बस अभी आते हैं।वो मेरे सवाल का जवाब देने में घबरा रही थी। फिर वो आहिस्ता से बोली- भाभी आपने मेरी ब्रा वहीं बिस्तर पर ही डाल दी थी क्या?मैं- ओह हाँ.
अगर तुम उसको ले आओ तो इस बार इनाम की रकम 5 लाख होगी और गेम के रूल भी चेंज करेंगे।टोनी- क्या बात है भाई. उसका लौड़ा लोहे की तरह सख्त हो गया था।अर्जुन ने मुनिया को खटिया पर गिरा दिया और खुद उसके चूचे चूसने लगा अपने लंड को उसकी चूत पर रगड़ने लगा।मुनिया- आह्ह. अब मैंने उसकी टांगें चौड़ी करके बहुत सारा बटर चूत के होंठों में लगा दिया। थोड़ा सा बटर उसकी चूत के 2 इंच अन्दर भी लगा दिया। अब मैंने अपना राकेट उसकी चूत पर लगाया.
पंजाबी सेक्सी डॉट कॉम वीडियो तो मैंने उससे घोड़ी बनने के लिए कहा।अब उसकी गाण्ड ठीक मेरे सामने थी, मैंने लंड उसके गाण्ड के छेद पर रखकर एक हल्का झटका दिया. इसलिए मैं सिर्फ़ एक ‘थ्री-फोर्थ लोवर’ और टी-शर्ट पहन कर नयना के घर जाने के लिए निकला।अब मैं आप सभी को दीप्ति के बारे में ज़रा बताता हूँ।दीप्ति एक अतिमहत्वाकांक्षी लड़की है और उसके बात करने के तरीके से समझ में आता है कि वो कितनी डॉमिनेंट नेचर की है.
मैं अन्तर्वासना की लगभग हर कहानी पढ़ चुका हूँ और मेरी कहानी भी अन्तर्वासना पर आप सभी सुधि पाठकों के द्वारा पसन्द की जाएगी. कि करते कैसे हो?मैंने कहा- सीने से चिपकाने के बाद मस्त वाली चूमा-चाटी होती है।अब भाभी भी मेरी बातों से गरम होने लगी थीं। मेरा कंधा उनके कंधे से टकरा रहा था।अचानक मैंने अपना हाथ भाभी की कमर में डाल दिया, भाभी थोड़ा हिली. और मेरी छोटी सी काली ब्रा उनके सामने आ गई।उन्होंने भी अपनी सामने से खुलने वाले गाउन को निकाल दिया। मेरे सामने उनका अन्दर का मस्त जिस्म नुमाया हो गया।उन्होंने अन्दर की ब्रा उतार दी थी.
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बात यह थी कि मैं रात को बाहर नहीं जा सकती थी इसलिए वो संभव नहीं था।मेरी शादी को लगभग दो महीने होने वाले थे. उधर जाहिरा अब अपनी टाइट्स के अन्दर हाथ डाल कर अपनी चूत को सहला रही थी और आँखें बंद किए हुए खुद को ओर्गैज्म पर ले जाने की कोशिश कर रही थी।यह सब वो अपने भाई के सामने कर रही थी. हम जैसे-तैसे एक-दूसरे का सहारा लेकर बेडरूम में चले गए और उसी नंगी हालत में एक-दूसरे की बांहों में बेड पर सो गए।एक डॉक्टर और एक एचआर इतनी बड़ी चुदक्कड़ और स्ट्रेट फॉर्वर्ड निकलेंगी.
इसको थोड़ा पकड़े हुए ही रहो।थोड़ा ना-नुकर के बाद उसने लंड को पकड़ लिया और सहलाने लगी, फिर हल्का सा चूमा भी. अभी तो जल्दी से बस मुझे चोद दो।उसने नीचे झुक कर मेरी पैंट खोल दी और अंडरवियर में से मेरा लण्ड निकाल कर अपने रेशमी होंठों के हवाले कर दिया।दोस्तो, मैं झूठ नहीं बोलूँगा.
फैजान ने अब झुक कर जाहिरा की खूबसूरत चूचियों के दरम्यान उसकी गोरी क्लीवेज को चूम लिया और फिर आहिस्ता आहिस्ता उसमें अपनी ज़ुबान को फेरने लगा।जाहिरा की चूचियों की चमड़ी इतनी सफ़ेद और नरम थी कि जैसे ही वो जोर से वहाँ पर किस करता.
जो मुनिया के हलक में उतर गई।ना चाहते हुए भी उसको सारा पानी पीना पड़ा। जब पुनीत ने हाथ हटाया तो मुनिया अलग हुई और लंबी साँसें लेने लगी।मुनिया- हाय उहह. सफेद संगमरमरी जिस्म पर वो गुलाबी निप्पल कुदरत की अनोखी कारीगिरी की मिसाल दे रहे थे।मुनिया धीरे से आगे बढ़ रही थी और पुनीत भी बड़े आराम से ऊपर से नीचे अपनी नज़र दौड़ा रहा था। अब उसकी नज़र मुनिया के पेट से होती हुई उसकी जाँघों के बीच एक लकीर पर गई. सुमन से ऐसे ही बातें होती रही। फिर एक दिन मुझे महसूस हुआ कि सुमन मेरी तरफ आकर्षित हो रही है।दिन में वो कभी भी मेरे साथ चारपाई पर आकर लेटने लगी।मेरा हाथ एक बार उसकी चूची से टच हो गया.
लेकिन ‘हाँ’ बोल दिया।सोनाली- तो कब बुला रहे हो?मैं- जब घर आओगी।सोनाली- तो चलो आज ही चलते हैं घर!मैं- बड़ी जल्दी है. तो वो कसमसाने लगी।मैंने थोड़ा सा और आगे को खिसकते हुए उसे और भी अपने भाई की कमर के साथ चिपका दिया, फिर मैंने धीरे से उसके कान में कहा-जाहिरा देख लड़कियाँ तुझे कैसे देख रही हैं. माँ को वैसा ही छोड़ कर सो गया।इस कहानी के बारे में अपने विचारों से अवगत कराने के लिए मुझे जरूर लिखें।कहानी जारी है।[emailprotected].
दिखाओ ना मुझे भी?मैंने बैग मैं से चारों बॉक्स निकाल कर बाहर टेबल पर हम दोनों की सामने रख दिए। बॉक्स पर ब्रा पहने हुई मॉडल्स की फोटो थीं.
खेसारी लाल यादव का बीएफ: उसके फोटो पर हस्तमैथुन करके और उससे चुहलबाजी और द्विअर्थी मजाक करके ही काम चला रहा था।फिर एक दिन मेरी किस्मत ने मेरा साथ दिया और मेरी बीवी की नानी की तबियत बहुत ख़राब हो गई और मेरी बीवी और उसके माँ-पिताजी को उनके ननिहाल चले गए और मेरी ससुराल में बस साला-सलहज और उनकी फुलटाइम बाई रह गई।फिर एक दिन मैं दोपहर के समय जब मेरा साला दफ्तर में होता है. वह एक नंगे छोटे बच्चे के समान है। काम के सुख से सर्वथा अनभिज्ञ रहती है। तुम नंगी होकर सारी दुनिया में फिरती रही हो और तुम्हारे अन्दर की नारी समाप्त हो गई। तुम्हारे काम अंगों की ‘सरसराहट.
मैं मन ही मन सोच रहा था कि ये तो आसानी से पट जाएगी।कुछ देर बाद मैं फोन रख कर सो गया और नींद खुली तो दिल्ली पहुँच चुका था।अब आगे. भाभी ने मेरे लंड को मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया और फिर थोड़ी देर के बाद जब मेरा पानी निकलने वाला था. फिर मैं उसके दोनों टाँगों के बीच में आ गया और चोदने लगा।वो अपने दोनों पैरों को मेरी कमर में फंसा कर लेटी थी और कुछ देर उसी अवस्था में उसकी चूत चोदने के बाद मैंने महसूस किया कि उसका शरीर अकड़ने लगा। मैं समझ गया कि ये अब झड़ने ही वाली है.
आपको पसंद आई या नहीं मुझे ईमेल पर बताइएगा।आप मेरी पुरानी कहानियाँ तो पढ़ ही चुके होंगे।जैसा कि आप पहले से जानते हैं.
? वो क्या कहेगी उसको?यह सोच कर वो वापस लेट गई और सोने की कोशिश करने लगी। मगर उसकी चूत से गिरता पानी उसको बेचैन कर रहा था।पायल- ओह. मैं उसकी चूचियों को और गाण्ड को दबा देता था और रात को उसे पूरी रात चोदता था। वो पूरे एक महीना घर पर रही। एक दिन दोपहर को मेरे पास आई और बोली- देखो तुमने क्या कर दिया है. उसकी जाँघों और चूतड़ों पर भी उस समय मेरे हाथ उसकी बुर और गाण्ड के छेद को भी छूते और मसलते हैं और वो भी कभी-कभी मुझे नंगी करके मेरी मालिश करती है.
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